JNU Violence में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी; 24 घंटे के भीतर हमलावरों की पहचान कर दी जाए सजा : चिदंबरम
JNU Violence जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में फिर भड़की हिंसा को लेकर राजनीतिक जगत में आरोप-प्रत्यारोप जारी है।
नई दिल्ली, एएनआइ। जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में रविवार को हुई हिंसा के बाद राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हो गई है। एक ओर जहां कांग्रेस, बसपा, सपा समेत तमाम विपक्षी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी, दिल्ली पुलिस व यूनिवर्सिटी प्रशासन पर सवालों की बौछार कर रहे हैं वहीं भाजपा ने भी ट्वीट कर घटना की कड़ी निंदा की है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने हमले को सरकार प्रायोजित बताया वहीं भाजपा ने कहा कि हमला करने वाले अराजक तत्व अपनी गिरती राजनीतिक हैसियत को बचाना चाहते हैं।
अराजकता की ओर जा रहे हैं हम: चिदंबरम
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, ‘यह घटना इस बात का सबसे बड़ा सबूत है कि हम तेजी से अराजकता की ओर जा रहे हैं। केंद्र सरकार, गृह मंत्री, एलजी और पुलिस आयुक्त की निगरानी में यह घटना भारत के अग्रणी यूनिवर्सिटी में हुआ जो राष्ट्रीय राजधानी में स्थित है। उन्होंने कहा, ‘हमारी मांग है कि 24 घंटे के भीतर हिंसा फैलाने वालों को पहचान कर गिरफ्तार किया जाए। साथ ही अधिकारियों पर जवाबदेही तय कर तत्काल कार्रवाई भी की जाए।’
देश के युवाओं का बन रहा मजाक: सोनिया
यूनिवर्सिटी में हिंसा पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘भारत के युवाओं और छात्रों की आवाज का मजाक बनाया जा रहा है। सत्तासीन मोदी सरकार के सक्रिय उन्मूलन के साथ गुंडों द्वारा भारत के युवाओं पर भयंकर तरीके से हिंसा की गई। यह निंदनीय और निराशाजनक है। कल जेएनयू में शिक्षकों समेत छात्रों पर हमला किया गया जो इस बात को स्पष्ट तौर पर बताता है कि सरकार के विरोधियों की आवाज दबा दी जाएगी।'
शिवसेना के आदित्य ठाकरे जेएनयू में घुसे नकाबपोशों को आतंकी कहना चाहिए।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि जेएनयू हिंसा शर्मनाक और निंदनीय है। भाजपा ने अपने गुंडों को भेजा और पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। लोकतंत्र में सरकारें आएंगी और जाएंगी लेकिन शिक्षण संस्थानों के माहौल को खराब करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया और लिखा, ‘यदि कैमरे के सामने बगैर नकाब के ये गुंडे ऐसा कर सकते हैं तब कल्पना करिए कि से नकाब पहनने के बाद क्या कर सकते हैं।’ दरअसल वीडियो में एक रिपोर्टर को अचानक शख्स ने कॉलर पकड़कर धक्का दिया और धमकी के अंदाज में वहां से चले जाने को कह रहा है।
' पुलिस ने घुसाया है हमलावरों को, वीडियो में है स्पष्ट'
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी जेएनयू हिंसा की निंदा की है। उन्होंने कहा कि दलगत राजनीति से उठकर हालात ठीक करे सरकार। ओवैसी ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि इन लोगों को प्रशासन से हरी झंडी मिली। इन्होंने अपना चेहरा ढक लिया था और कैंपस में रॉड व छडि़यों के साथ घुसे। इसका एक वीडियो भी है जिसमें यह दिख रहा कि पुलिस ने किस तरह सुरक्षित तरीके से इन्हें घुसने दिया।’
जावड़ेकर का आरोप-
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर जेएनयू हिंसा की निंदा की और कहा, ‘जेएनयू में जो कल हिंसा हुई उसकी हम भर्त्सना करते है। कांग्रेस, कम्युनिस्ट, आम आदमी पार्टी और कुछ तत्व जानबूझकर देश भर में और खासतौर पर विश्वविद्यालयों में हिंसा का माहौल बना रहे हैं। इसकी जांच होनी चाहिए।'
सुरजेवाला ने लगाए गृह मंत्री पर आरोप
जेएनयू हिंसा पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यूनिवर्सिटी में हुए हिंसा को लेकर कहा, ‘यूनिवर्सिटी पर हुआ यह हमला पूर्व नियोजित था। इसमें यूनिवर्सिटी प्रशासन का समर्थन था और भाजपा के हमलावर थे। यूनिवर्सिटी के शिक्षकों समेत छात्रों पर हमला किया गया था। इस पूरे समय दिल्ली पुलिस चुप रही। गृह मंत्री के मौन समर्थन के बगैर यह संभव नहीं?’
भाजपा ने रखा अपना पक्ष
भारतीय जनता पार्टी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है। पार्टी ने कहा कि अराजक तत्वों ने यह उपद्रव फैलाया। पार्टी की ओर से ट्वीट में कहा गया है, ‘अराजक ताकतें छात्रों का इस्तेमाल कर अशांति फैला अपनी गिरती राजनीतिक हैसियत को बचाना चाहती है। यूनिवर्सिटी केवल सीखने और शिक्षा पाने का केंद्र बना रहना चाहिए।’
पॉलिटिकल हब न बने यूनिवर्सिटी
स्मृति इरानी ने कहा, ‘मामले की जांच शुरू हो गई है इसलिए अभी बोलना सही नहीं है, लेकिन यूनिवर्सिटी को राजनीति का हब में नहीं बदलना चाहिए, न ही छात्रों को राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
मायावती ने की न्यायिक जांच की मांग
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती व समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी यूनिवर्सिटी हिंसा मामले में न्यायिक जांच की मांग की है। मायावती ने ट्वीट में कहा, ‘जेएनयू में छात्रों व शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निन्दनीय व शर्मनाक है। केंद्र सरकार को इसपर गंभीरता से कार्रवाई करनी होगी। साथ ही इस घटना की न्यायिक जाँच हो जाये तो यह बेहतर होगा।’
सपा अध्यक्ष ने की निंदा
वहीं अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘जेएनयू में जिस तरह नकाबपोश अपराधियों ने छात्रों और अध्यापकों पर हिंसक हमला किया है वो बेहद निंदनीय है। इस विषय में तत्काल उच्चस्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए।’
यूनिवर्सिटी को बना दिया गुंडागर्दी का केंद्र
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘जवाहर लाल यूनिवर्सिटी की छवि को वामपंथी छात्र नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी को गुंडागर्दी का केंद्र बना दिया है।
कपिल सिब्बल का सवाल- क्या कर रहे थे गृह मंत्री
कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल ने कहा, ‘नकाबपोशों को कैंपस में घुसने की इजाजत कैसे मिली? वाइस चांसलर ने क्या किया? पुलिस बाहर क्यों खड़ी थी? गृह मंत्री क्या कर रहे थे? इन सभी सवालों का कोई जवाब नहीं मिला। स्पष्ट तौर पर यह साजिश है, मामले में जांच की जरूरत है।
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर की अपील
इस बीच JNU के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार ने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि यूनिवर्सिटी की प्राथमिकता छात्रों के अकेडमिक हितों की रक्षा करना है। उन्होंने कहा, ‘हम छात्रों को आश्वासन देते हैं कि विंटर सेमेस्टर का रजिस्ट्रेशन बगैर किसी बाधा के होगा।’
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