जैव विविधता पर रिपोर्ट दाखिल करने वाला भारत अग्रणी देशों में हुआ शामिल
जैव विविधता पर नेशनल रिपोर्ट दाखिल कर भारत शीर्ष पांच देशों में शामिल हो गया है। यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय संस्था कन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डायवर्सिटी (सीबीडी) को दी गई है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। जैव विविधता पर नेशनल रिपोर्ट दाखिल कर भारत शीर्ष पांच देशों में शामिल हो गया है। यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय संस्था कन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डायवर्सिटी (सीबीडी) को दी गई है। भारत रिपोर्ट दाखिल करने वाला एशिया का पहला देश है। साथ ही भारत में हर महत्वपूर्ण जानवर की संख्या बढ़ रही है। रविवार को यह जानकारी केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने दी।
पर्यावरण मंत्री ने यह ऑनलाइन रिपोर्ट खुद सीबीडी सचिवालय को दी। यह प्रक्रिया राज्य जैव विविधता परिषदों की 13 वीं बैठक के उद्घाटन सत्र में पूरी की गई। इस बैठक का आयोजन राष्ट्रीय जैव विविधता परिषद ने किया है। हर्षवर्धन ने कहा, दुनिया भर में जब जैव विविधता पर संकट के बादल छा रहे हैं। उनके खानपान और आश्रय पर दबाव बढ़ता जा रहा है।
मौसम में होने वाला बदलाव, प्रदूषण, आबादी और विकास के फैलाव ने कई जीवों का अस्तित्व खत्म कर दिया है। कई जीवों का अस्तित्व खत्म होने के कगार पर है। इनमें छोटे जीव भी हैं और बड़े जानवर भी। भारत दुनिया के उन थोड़े से देशों में शामिल है जहां वन क्षेत्र बढ़ रहा है। इससे वन्य जीवन का भी विकास हो रहा है। भारत को जैव विविधता बढ़ाने के अपने प्रयासों पर गर्व है।
हर्षवर्धन ने कहा, एक जिम्मेदार राष्ट्र होने के नाते भारत हमेशा अपनी वैश्विक जिम्मेदारी को वहन करेगा। वह पर्यावरण के सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगा। भारत जैव विविधता को बनाए रखते हुए विकास के मार्ग पर अग्रसर है। इसी का नतीजा है कि भारत के जंगलों में दुनिया के दो तिहाई बाघ हैं। शेर की तादाद 177 से बढ़कर 520 तक पहुंच गई है। देश में हाथी 30 हजार की संख्या तक पहुंच चुके हैं। एक सींग वाले गेंडे बढ़कर 2,400 तक हो गए हैं।