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'ऐसे आरोपों से लोकतंत्र को नुकसान पहुंचता है, तुंरत रोक लगाएं', चुनाव आयोग ने कांग्रेस और भाजपा को नोटिस जारी कर दी ये नसीहत

आयोग ने दोनों ही प्रमुख दलों के अध्यक्षों को भेजे गए नोटिस में कहा है कि चुनाव तो आते जाते रहते है लेकिन उनकी टिप्पणी समाज और देश में लंबे समय से कटुता पैदा करेगी। ऐसे में वह जो भी बोले वह उसके दीर्घकालिक परिणामों को सोच विचार कर ही बोलें। आयोग ने पहले भी राजनीतिक दलों को प्रचार के दौरान संयमित भाषा के इस्तेमाल की नसीहत दी थी।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Published: Wed, 22 May 2024 07:56 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2024 07:56 PM (IST)
चुनाव आयोग ने कांग्रेस और भाजपा को नोटिस जारी किया। (file photo)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सात चरणों के लोकसभा चुनाव में से पांच चरणों का चुनाव खत्म होने के बाद निर्वाचन आयोग (Election Commission Of India) अब चुनाव प्रचार के दौरान धर्म, जाति, भाषा, सेना और देश के संविधान को लेकर की जा रही बयानबाजी (Election Commission Guidelines) सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय अध्यक्षों को निचले स्तर की इन टिप्पणियों को लेकर बुधवार को नोटिस (EC Notice To BJP Congress) जारी किया है और कहा कि वह इस तरह की बयानबाजी पर तुंरत रोक लगाए। साथ ही अपने स्टार प्रचारकों को भी ऐसी टिप्पणियों से बचने की भी नसीहत है।

सुरक्षा बलों पर न हो राजनीति

आयोग ने इस दौरान सबसे तीखी आपत्ति कांग्रेस पार्टी की ओर से अग्निवीर को लेकर सेना पर किए जा रहे हमलों और उसे लेकर की जा रही राजनीति पर जताई है। आयोग ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को दी गई नोटिस में सेना और सुरक्षा बलों पर बिल्कुल भी राजनीति न करने की नसीहत दी। साथ ही संविधान के खतरे में होने और संविधान बदलने के आरोपों पर भी तुरंत रोक लगाने के निर्देश दिए है।

समाज को बांटने वाले बयानों पर रोक

आयोग ने कहा कि ऐसे आरोपों से देश की साख और लोकतंत्र को नुकसान पहुंचता है। आयोग ने इस दौरान भाजपा को भी धर्म, जाति और समाज को बांटने वाले बयानों को तुरंत बंद करने को कहा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी बुधवार को दी गई नोटिस में आयोग ने कहा है कि इस तरह से बयान से समाज में कटुता बढ़ती है। यह समाज व देश दोनों के लिए घातक है।

चुनाव आयोग ने भाजपा और कांग्रेस को दी नसीहत

आयोग ने दोनों ही प्रमुख दलों के अध्यक्षों को भेजे गए नोटिस में कहा है कि चुनाव तो आते जाते रहते है, लेकिन उनकी टिप्पणी समाज और देश में लंबे समय से कटुता पैदा करेगी। ऐसे में वह जो भी बोले वह उसके दीर्घकालिक परिणामों को सोच विचार कर ही बोले। आयोग ने इस दौरान लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले सभी राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के दौरान संयमित भाषा के इस्तेमाल को लेकर दी गई नसीहत की फिर से याद दिलाई है।

25 मई और 1 जून को होगा मतदान

आयोग ने इस दौरान दोनों दलों की ओर से आपत्तिजनक बयानों पर पेश की गई सफाई को खारिज किया। साथ ही कहा कि चुनाव प्रचार के स्तर को बेहतर बनाए रखने की जिम्मेदारी विपक्ष दलों से ज्यादा सत्ताधारी दल की है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के बाकी बचे दो चरणों के लिए अब 25 मई और एक जून को मतदान होना है।

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