जम्मू कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देगी सरकार, कुछ इस तरह बनाया मेगा प्लान
केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल ने कहा कि सरकार ने हाल ही में ई-वीजा शुरू करने के साथ देश की 137 चोटियों को पर्यटकों के लिए खोल दिया है।
जागरण संवाददाता, जम्मू। केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद पटेल पर्यटन की संभावनाएं तलाशने के लिए सितंबर के पहले सप्ताह में जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे। वह दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदल रहे जम्मू-कश्मीर के लिए पर्यटन योजना को अंतिम रूप देंगे। इसमें केंद्र शासित जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए अलग-अलग योजनाएं होंगी।
पर्यटन मंत्रालय के दो अधिकारी इन योजनाओं की रूपरेखा तय करने के लिए यहां पहुंच चुके हैं। एडवांस टीम के रूप में काम कर रहे यह दोनों अधिकारी प्रह्लाद पटेल को पर्यटन संभावनाओं की रिपोर्ट पेश करेंगे। नई दिल्ली में पटेल ने कहा कि अगर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रूस दौरे पर नहीं गए तो सितंबर के पहले हफ्ते में टीम लेकर जम्मू कश्मीर जाएंगे। वह पहले लेह जाएंगे और फिर जम्मू-कश्मीर।
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इस दौरान चिन्हित पर्यटन स्थलों का दौरा करने के साथ ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए संभावित कदमों की समीक्षा भी करेंगे। पटेल ने कहा कि टूरिस्ट गाइड को कौशल प्रशिक्षण देना जरूरी है। राज्य के युवाओं को विभिन्न भाषाओं में परिपूर्ण करने की जरूरत है। विभाग अगले दो महीने में इस कार्य को पूरा कर लेगा।
देश की 137 चोटियों को पर्यटकों के लिए खोला गया
प्रह्लाद पटेल ने कहा कि सरकार ने हाल ही में ई-वीजा शुरू करने के साथ देश की 137 चोटियों को पर्यटकों के लिए खोल दिया है। इसमें से 15 चोटियां जम्मू कश्मीर और लद्दाख में हैं, जहां विदेशी पर्यटकों के पहुंचने की काफी संभावनाएं हैं। जिन क्षेत्रों में होटलों की कमी है, वहां पर सरकार लोगों को पर्यटकों के लिए अपने घर खोलने की प्रेरणा देगी। उन्हें बुनियादी प्रशिक्षण देगी।
लद्दाख के लिए बौद्ध देशों से पर्यटकों को आकर्षित करेगी सरकार
प्रह्लाद पटेल ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख में चुनौतीपूर्ण खेलों को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहित किया जाएगा। लद्दाख के लिए सरकार बौद्ध देशों से पर्यटकों को आकर्षित करेगी। वहीं, किश्तवाड़ जैसे क्षेत्रों में सूफी परंपरा को प्रोत्साहित करने की योजना है। पटेल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर लोगों की राय बदलने की जरूरत है।
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