पश्चिम बंगाल में EVM में क्यों लगा बीजेपी का टैग? टीएमसी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने दिया ये जवाब
देश में लोकसभा चुनाव के लिए छठे चरण का मतदान जारी है। इस बीच चुनाव के बीच टीएमसी ने गंभीर आरोप लगाया है। टीएमसी ने कहा कि बांकुड़ा के रघुनाथपुर में एक मतदान केंद्र पर ईवीएम पर बीजेपी टैग लगा हुआ था। टीएमसी ने चुनाव आयोग से इस पर कार्रवाई की मांग की। वहीं चुनाव आयोग ने भी इस पर जवाब दिया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। लोकसभा चुनाव के छठे चरण की वोटिंग के बीच बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शनिवार को आरोप लगाया कि बांकुड़ा जिले में मतदान के दौरान 'बीजेपी टैग' वाली ईवीएम का इस्तेमाल किया गया। टीएमसी ने दावा किया कि बांकुड़ा के रघुनाथपुर में एक मतदान केंद्र पर पांच इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर 'बीजेपी टैग' लगा हुआ था।
टीएमसी के आरोप पर चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने टीएमसी के आरोप का जवाब दिया। चुनाव आयोग ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ईवीएम की कमीशनिंग (चालू करने) के दौरान, जनरल एड्रेस टैग पर वहां मौजूद उम्मीदवारों और उनके एजेंटों द्वारा हस्ताक्षर किए जाते हैं, चूंकि उस दौरान कमीशनिंग हॉल में केवल बीजेपी उम्मीदवार के प्रतिनिधि ही मौजूद थे, इसलिए उस ईवीएम और वीवीपैट को चालू करने के दौरान उनके हस्ताक्षर लिए गए।
मतदान के दौरान पोलिंग स्टेशनों 56, 58, 60, 61 और 62 में उपस्थित सभी एजेंटों के हस्ताक्षर लिए गए थे। कमीशनिंग (ईवीएम चालू करने) के दौरान चुनाव आयोग के सभी मानदंडों का पूरी तरह पालन किया गया था। इसकी सीसीटीवी रिकार्डिंग और विधिवत वीडियोग्राफी भी की गई थी।
Smt. @MamataOfficial has repeatedly flagged how @BJP4India was trying to rig votes by tampering with EVMs.
And today, in Bankura's Raghunathpur, 5 EVMs were found with BJP tags on them.@ECISVEEP should immediately look into it and take corrective action! pic.twitter.com/aJwIotHAbX— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) May 25, 2024
इससे पहले, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल ने एक्स पर बीजेपी टैग वाली ईवीएम की दो तस्वीरें शेयर की। पोस्ट में लिखा कि सीएम ममता ने बार-बार इस बात पर जोर दिया कि कैसे बीजेपी ईवीएम के साथ छेड़छाड़ करके वोटों में हेराफेरी करने की कोशिश कर रही है। आज बांकुड़ा के रघुनाथपुर में पांच ईवीएम पर बीजेपी का टैग लगा हुआ मिला। पोस्ट में आगे कहा गया कि चुनाव आयोग को तुरंत इस पर गौर करना चाहिए और सुधारात्मक कार्रवाई करनी चाहिए।
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