Arun Jaitley: Soft tissue sarcoma कैंसर ने ली जान, जानें इसके लक्षण और बचाव
Arun jaitely passes away अरुण जेटली Soft tissue sarcoma नाम के कैंसर से जूझ रहे थे जिसकी वजह से शनिवार को उनका निधन हो गया। जानें क्या है ये।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। Arun jaitely passes away: देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। कहा जा रहा है कि वह काफी समय से सॉफ्ट टीशू सरकोमा कैंसर से पीड़ित थे। नौ अगस्त को तबीयत खराब होने के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सॉफ्ट टीशू सरकोमा (Soft tissue sarcoma) एक दुर्लभ तरह का कैंसर है। इसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। चलिए आपको बताते हैं क्या है सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा उसके लक्ष्ण और किस तरह आप कर सकते है बचाव।
क्या है सॉफ्ट टीशू सरकोमा
ये एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है। ये व्यक्ति के शरीर के मौजूद टीशू में होता है। ये मांसपेशियों, वसा, ब्लड, नसों (nerves ) के साथ ज्वाइंट्स में हो जाता है। बता दें कि कि हमारे शरीर में कई तरह के सॉफ्ट टीशू ट्यूमर होते हैं हालांकि, सभी कैंसरस नहीं होते है। लेकिन, जब ये सेल (cell) डीएनए के अंदर ट्यूमर के रूप में विकसित होने लगते हैं, तब ये शरीर के बाकी हिस्सों में भी फैलने लगते है।
इसकी शुरुआत सबसे पहले हड्डी और मासपेशियों के टीशू से होती है। आसान भाषाएं में बताएं तो ये आपके शरीर के किसी भी हिस्सों में हो सकती है। ये किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है। इसके होने की कोई समय सीमा नहीं है।
50 से अधिक तरह के होते हैं प्रकार
सॉफ्ट टीशू सरकोमा 50 से अधिक प्रकार का होता है। इसके कुछ प्रकार बच्चों को भी हो जाते है। इस बीमारी से सबसे ज्यादा युवा चपेट में आ रहे हैं। इतना ही नहीं इस बीमारी का पता लगाना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि यह कई तरह से बढ़ता है।
क्या है इसके लक्ष्ण
- शुरुआत में इसके कोई भी लक्ष्ण सामने नहीं आ पाते है। लेकिन, यहां आपको बता दें कि जब भी आपकी मासपेशियों या नसों में तेज दर्द हो तो इसे नजरअंदाज ना करें। आप तुरंत अपने डॉक्टर से इसके बारे में संपर्क करें।
- यदि आपको अपने शरीर के किसी भी हिस्से में गांठ दिखे और ये लगातार बढ़ती रहे तो ये भी इस कैंसर का एक लक्षण हो सकता है।
- पेट में दर्द होना और इसका धीरे-धीरे बढ़ना भी इसका एक संकेत हो सकता है।
इस तरह करें बचाव
जैसे ही आपको इन सभी से कोई भी लक्ष्ण दिखाई दें तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें। सबसे जरुरी है कि सॉफ्ट टीशू सर्कोमा कैंसर के प्रकार के बारे में पता लगाया जाए। इसके लिए डॉक्टर आपके कई टेस्ट करेंगे। फिर वह इमेजिंग टेस्ट, बायोप्सी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी और ड्रग्स के जरिए इलाज कर सकते हैं।
भारत में प्रत्येक 20 वर्ष में बढ़ रहे हैं कैंसर के मरीज
भारत में कैंसर की स्थिति को लेकर हाल ही में एक ताजा अध्ययन किया गया जिसमें बताया गया है कि यहां प्रत्येक 20 वर्ष में इस जानलेवा बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या दोगुनी हो रही है। भारत में ये अध्ययन कोलकाता के टाटा मेडिकल सेंटर के डिपार्टमेंट ऑफ डाइजेस्टिव डिजीस के मोहनदास के. मल्लाथ और लंदन स्थित किंग्स कॉलेज के शोधछात्र रॉबर्ट डी स्मिथ ने मिलकर किया है।
ये भी पढ़ें : Arun Jaitley Passes Away: वजन घटाने के लिए कराई थी बैरियाट्रिक सर्जरी, जानें क्या है ये
अरुण जेटली से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें