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राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित होगा फॉरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय, अमित शाह ने दी जानकारी

गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में बुधवार को कहा कि क्रिमिनल और क्रिमिनल माइंडेड लोगों से पुलिस को चार कदम आगे रहना चाहिए।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 11:40 AM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 01:40 PM (IST)
राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित होगा फॉरेंसिक साइंस विश्वविद्यालय, अमित शाह ने दी जानकारी

नई दिल्ली, जेएनएन। गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में बुधवार को कहा कि पुलिस विश्वविद्यालय और फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की राष्ट्रीय स्तर स्थापना की जाएगी। हर राज्य में इनसे संबंधित कॉलेज बनाए जाएंगे। ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने इस बारे में एक मसौदा भेजा है, इसे जल्द ही कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। उन्होंने ये जानकारी बीपीआरएंडडी (BPR&D) के 49 वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक समारोह में दी। 

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शाह ने इस दौरान कहा कि  किसी भी केस में दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने के लिए फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को बढ़ावा देने की जरूरत है। इससे गुनहगारों को जल्द सजा दिलाने में हमें सफलता मिलेगी और इसके बाद गुनाह करने की मानसिकता भी कम हो पाएगी।

थर्ड डिग्री का जमाना नहीं
शाह ने इस दौरान कहा कि क्रिमिनल और क्रिमिनल माइंडेड लोगों से पुलिस को चार कदम आगे रहना चाहिए। ये तभी संभव हो सकता है जब आधुनिकीकरण सही प्रकार से हो। अब अब थर्ड डिग्री का जमाना नहीं है। जांच के लिए हमें साइंटिफिक तरीकों को अपनाना होगा। उन्होंने ये बात बीपीआरएंडडी (BPR&D) के 49 वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक समारोह में कही। 

सीआरपीसी और आईपीसी में बदलावों की जरूरत
शाह ने सीआरपीसी और आईपीसी में बदलाव के संकेत देते हुए कहा कि सीआरपीसी और आईपीसी के अंदर जरूरी परिवर्तन के लिए देशभर में एक परामर्श प्रक्रिया शुरु करने की जरूरत है। सबका सुझाव लेकर उसे गृह मंत्रालय में भेजा जाए, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। सीआरपीसी और आईपीसी में जरूरी बदलावों के लिए हमें आगे बढ़ने की जरूरत है। 

लंबी और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है पुलिस रिफॉर्म 
उन्होंने कहा कि पुलिस रिफॉर्म (Police Reform) एक बहुत लंबी और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, चुनौतियां जैसे बदलेंगी उसी के अनुसार हमें इसे आगे बढ़ाना पड़ेगा, लेकिन पुलिसिंग में रिफार्म एक बहुत बड़ा कांसेप्ट है, जिसे बीपीआरएंडडी को नए सिरे से डिजाइन करना पड़ेगा।

आंतरिक सुरक्षा के लिए  पुलिस के जवानों दिया बलिदान
अमित शाह ने इस दौरान कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए अब तक करीब 34 हजार से ज्यादा पुलिस के जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है, तब जाकर पुलिस की साख इतनी मजबूत हुई है। इसे आगे बढ़ाना जरूरी है। 

बीपीआरएंडडी का दायित्व
शाह ने कहा कि पुलिस और लॉ एंड ऑर्डर राज्य का विषय है। लेकिन ये जरुरी नहीं है कि हर वक्त प्रेरित करने वाली लीडरशिप हर राज्य की पुलिस को प्राप्त हो। जब ऐसा होता है तो पुलिस का ग्राफ नीचे आने लगता है, उस समय बीपीआरएंडडी  का ये दायित्व है की ये ग्राफ ऊपर ही ऊपर जाए।

सरदार पटेल ने पुलिस विभाग को दिया अलग रूप
अमित शाह ने इस दौरान सरदार पटेल द्वारा पुलिस विभाग में लाए गए बदलाव का जिक्र करते हुए कहा कि अंग्रेजी शासन में पुलिस की स्थापना उनके राज को कायम रखने के लिए हुई थी, लेकिन आजादी के बाद सरदार पटेल ने इसे एक अलग रूप दिया। उन्होंने पहली बार पुलिस की स्थापना लोगों के अधिकारों की रक्षा, लोगों की सेवा और मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए की। 

बीपीआरएंडडी को बधाई दी
शाह ने कहा कि कोई भी सरकारी या गैर सरकारी संस्था जब 50 साल तक निरंतर चलती है तो समझना चाहिए कि काम अच्छा हो रहा है। बीपीआरएंडडी ने 50 साल निरंतर तक चलते हुए अपनी प्रासंगिकता को बनाए रखा है। मैं हृदय से आप सभी को बधाई देता हूं। वैसे तो आजकल जब सरकार की चर्चा होती है, तो ज्यादातर विकास के कार्यों की चर्चा होती है। लेकिन पृथ्वी पर जब राज्य अस्तित्व में आया तो सबसे पहले लॉ एंड ऑर्डर को प्राथमिकता मिली। 

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