'यह लोकतंत्र का निम्न स्तर', राहुल गांधी को अयोग्य घोषित करने के फैसले ने समूचे विपक्ष को किया एकजुट
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ हुई इस कार्रवाई ने समूचे विपक्ष को एकजुट जरूर कर दिया है। ममता बनर्जी से लेकर शरद पवार अरविंद केजरीवाल और अखिलेश सहित सभी विपक्षी दलों के नेता इस मुद्दे पर एक सुर में दिखे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भले ही सूरत कोर्ट की ओर से सुनवाई गई दो साल की सजा के चलते लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित करने का फैसला लिया गया है, लेकिन राहुल गांधी के खिलाफ हुई इस कार्रवाई ने समूचे विपक्ष को एकजुट जरूर कर दिया है। जिसका सभी विपक्षी दलों ने सिर्फ विरोध ही नहीं किया, बल्कि इसे लोकतंत्र पर खतरा बताया है।
'ममता दीदी ने नहीं लिया राहुल बाबा का नाम'
जिस तरह से विपक्षी गोल बंदी हो रही है और उससे कांग्रेस पार्टी भीतर ही भीतर उत्साहित भी है। फैसले के बाद जिन प्रमुख विपक्षी दलों की ओर से सबसे तीखी प्रतिक्रिया आयी है, वह तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दी है। हालांकि, उन्होंने राहुल गांधी का नाम नहीं लिया।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 'प्रधानमंत्री मोदी के नए भारत में विपक्षी दलों के नेता निशाने पर है। आपराधिक रिकॉर्ड वाले भाजपा नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया जा रहा है, तो विपक्षी नेताओं को भाषण देने पर बर्खास्त किया जा रहा है। आज लोकतंत्र एक नए निम्न स्तर पर पहुंच गया है।'
इसके साथ ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं की आवाज को दबाने की यह कोशिश है। यह कदम गंभीर चिंता का विषय है।
'कठिन दौर से गुजर रहा देश'
कांग्रेस से दूरी बनाकर चल रही आम आदमी पार्टी भी इस मुद्दे पर मुखर दिखी। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी राहुल गांधी के निष्कासन के फैसले को चौंकाने वाला बताया और कहा कि ' देश बहुत कठिन दौर से गुजर रहा है। पूरे देश को इन्होंने डरा कर रखा हुआ है। 130 करोड़ लोगों को इनकी अहंकारी सत्ता के खिलाफ एकत्र होना होगा।'
सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी राहुल गांधी की सदस्यता रद्द किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा यह जानबूझकर असली मुद्दे से जैसे महंगाई और बेरोजगारी से ध्यान हटाना चाहते हैं। आज कांग्रेस के नेता के साथ जो हुआ, वह समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ पहले हो चुका है।
'केवल भाजपा के लिए है अमृतकाल'
इसके साथ ही झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने कहा कि 'न्यू इंडिया में अमृतकाल केवल भाजपा के लिए है, बाकी के लिए आपातकाल है। राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होना यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार से राजनीतिक मतभेद बदले की लड़ाई है।'
डीएमके नेता व तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि केंद्र की सरकार विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है। यह निंदनीय है। इससे पहले उन्होंने बताया था कि सजा सुनाए जाने के बाद उन्होंने राहुल गांधी से बात की थी। राहुल उनके भाई है।