इरान ने अमेरिका से रखी शर्त, कहा- यदि वार्ता की चाहत है तो...
न्यूक्लियर डील पर अमेरिका को सहमत करने में इरान ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। इस क्रम में अब इसने अमेरिका के सामने वार्ता के लिए एक शर्त रख दी... जानें क्या है शर्त।
कुआलालंपुर, रायटर्स। अमेरिका व इरान के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच इरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने गुरुवार को अमेरिका से बातचीत के लिए 2015 के न्यूक्लियर डील के संदर्भ में एक शर्त रख दी है। मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में इस्लामी जगत में सुरक्षा के मुद्दे पर एक फोरम को संबोधित करने के बाद इरान के विदेश मंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया, ‘अमेरिका की ओर से इरान के खिलाफ आर्थिक आतंकवाद चलाया जा रहा है और जब तक कि वह हम पर युद्ध थोपना और इरान के लोगों के खिलाफ आर्थिक आतंकवाद को बंद नहीं कर देता तब तक हमारे लिए यह संभव नहीं है कि हम उससे बात करें।‘
बगैर किसी नतीजा के मुलाकात संभव नहीं
2015 के परमाणु डील के संदर्भ में विदेश मंत्री ने आगे कहा, ‘इसलिए यदि वे कमरे में वापस आना चाहते हैं तो एक टिकट खरीदना होगा और यह टिकट समझौते को लेकर है।‘ उन्होंने कहा कि इरान केवल तभी मुलाकात चाहता जब इसका कोई परिणाम हो। इसी हफ्ते ट्रंप ने बताया था कि उचित हालात में वे इरानी राष्ट्रपति से मिलेंगे ताकि परमाणु डील से संबंधित तमाम विवाद खत्म हो। साथ ही उन्होंने यह कहा कि इरान की अर्थव्यवस्था को चलाते रहने के लिए दुनिया के देशों से कर्ज का इंतजाम कैसे हो सकता है, इसके लिए बातचीत हो रही है। इरान के राष्ट्रपति का कहना है कि वह अमेरिका से तब तक बातचीत नहीं करेंगे जब तक कि सारे प्रतिबंध हटा नहीं लिए जाते।
अमेरिका–इरान के बीच तनाव की वजह
पिछले साल अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इरान के परमाणु डील संबंधित महात्वकांक्षा को खत्म करने के इरादे से अंतरराष्ट्रीय समझौते से बाहर होने का ऐलान किया और इरान पर कई सारे प्रतिबंध लगा दिए। तभी से तेहरान और वाशिंगटन के बीच तनाव बढ़ गया है। परिणामस्वरूप इरान ने धीरे-धीरे नाभिकीय संवर्धन का स्तर बढ़ाना शुरू किया और धमकी दी कि अगर उसे प्रतिबंधों से राहत नहीं मिली तो वह शुरुआती सितंबर में इसे और बढ़ा देगा।
जहाजों के प्रति नरमी नहीं
विदेश मंत्री के अनुसार, ब्रिटिश ऑयल टैंकर के खिलाफ तेजी से कानूनी कार्रवाई करेगा। इस टैंकर को
पिछले महीने होर्मुज की खाड़ी में पकड़ा गया था। उन्होंने कहा है कि फारस की खाड़ी में कानून तोड़ने वाले जहाजों के प्रति नरमी नहीं बरती जाएगी।
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