Move to Jagran APP

फोर्ब्स ने लिखा, डोनाल्ड ट्रंप को लेनी चाहिए मोदी से सीख

फोर्ब्स ने लिखा है कि नरेंद्र मोदी अपने देश के साथ-साथ दुनिया में भी एक प्रभावी और लोकप्रिय नेता के तौर पर उभर आए हैं।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 22 Jan 2018 08:05 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jan 2018 06:34 AM (IST)
फोर्ब्स ने लिखा, डोनाल्ड ट्रंप को लेनी चाहिए मोदी से सीख

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय प्रधानमंत्री के दावोस पहुंचने के मौके पर जानी-मानी अंतरराष्ट्रीय पत्रिका फोर्ब्स ने लिखा है कि नरेंद्र मोदी अपने देश के साथ-साथ दुनिया में भी एक प्रभावी और लोकप्रिय नेता के तौर पर उभर आए हैं। यूनिवर्सिटी आफ सिडनी में पढ़ाने वाले अमेरिकी समाजशास्त्री सल्वाटोर बैबोन्स ने फोर्ब्स में लिखा है, दावोस में मोदी सबके आकर्षण का केंद्र होंगे और अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यहां आते हैं तो उन्हें उनसे सीख भी लेनी चाहिए और प्रेरणा भी।

loksabha election banner

सल्वाटोर के मुताबिक एक समय मोदी भी विवादों में घिरे थे और जब 2014 में वह प्रधानमंत्री बने तो भारत में विशिष्ट लोगों और खासकर बौद्धिक तबके ने चायवाला कहकर उनका उपहास उड़ाया। राजनीतिक पंडितों ने उन्हें खारिज किया और 40 फीसद अल्पसंख्यक आबादी के लिए खतरनाक बताया। भारत के साथ-साथ पश्चिम के बुद्धिजीवियों ने भी उन्हें तानाशाह के तौर पर चित्रित किया, लेकिन आज वह राजनीतिक और साथ ही आर्थिक तौर पर एक सफल नेता के रूप में उभर आए हैं।

उनके नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था उछाल पर है और वह देश के साथ विदेश में भी महात्मा गांधी के बाद भारत की सबसे लोकप्रिय राजनीतिक शख्सियत हैं। मोदी की ओर से लिए गए कठोर और कई बार तो अलोकप्रिय फैसलों ने भारत को सबसे तेज गति वाली अर्थव्यवस्था वाले देश में तब्दील कर दिया है। उन्होंने अपने को एक ऐसे नेता के तौर पर उभारा है जो भारत को फिर से महान बनाने के लिए समर्पित है।

सल्वाटोर के अनुसार, मोदी का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल उभार यह दिखाता है कि अतीत में विवादों से घिरे रहे किसी नेता के लिए दुनिया के लोकप्रिय नेताओं में अपनी जगह बनाना संभव है। सल्वाटोर लिखते हैं कि मोदी की तरह ट्रंप भी बेहतर आर्थिक माहौल का लाभ उठा रहे हैं, लेकिन उनकी साख मोदी जैसी नहीं है। अगर ट्रंप इस साल होने वाले मध्यावधि चुनाव में बड़ी सफलता हासिल करना चाहते हैं तो उन्हें मोदी से सलाह भी लेनी चाहिए और प्रेरणा भी।

मोदी के अतीत का जिक्र करते हुए सल्वाटोर ने इसका भी उल्लेख किया है कि किस तरह एक समय अमेरिका ने उन्हें वीजा नहीं दिया था, लेकिन जब 2016 में मोदी ने अमेरिकी संसद को संबोधित किया तो अमेरिकी सांसदों ने कम से कम नौ बार खड़े होकर तालियां बजाईं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.