पद्मश्री लिंबा राम की मदद के लिए आगे बढ़े हाथ, कई बीमारियों से जूझ रहे हैं दिग्गज तीरंदाज
सरकारी अस्पताल में लाइन में लगने को मजबूर लिंबा राम की दर्द भरी कहानी दैनिक जागरण ने 25 फरवरी को प्रकाशित की थी
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। जिंदगी जितनी भी जटिल हो, कोई ना कोई हाथ थामकर मुश्किल रास्तों से मंजिल तक ले जाने वाला सारथी मिल ही जाता है। ऐसे ही सारथी ओलंपियन, पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार विजेता तीरंदाज लिंबा राम को मंगलवार को मिले, जो अपने इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं।
रीढ़ और गर्दन की हड्डी में परेशानी के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में लाइन लगाने से मजबूर लिंबा राम की दर्द भरी कहानी दैनिक जागरण ने मंगलवार के अंक में प्रकाशित की थी। बुधवार को केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू ने इसका संज्ञान लिया। इसके साथ ही गाजियाबाद के कौशांबी में स्थित यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कार्यकारी निदेशक शुभांग अरोड़ा ने भी उनके मुफ्त इलाज की घोषणा की है।
निजी अस्पताल ने किया मदद करने का ऐलान
शुभांग ने कहा कि मैंने सुबह-सुबह दैनिक जागरण में इस खबर को पढ़ा और उसके तुरंत बाद अपने अस्पताल के क्लीनिकल डायरेक्टर डॉ. राहुल शुक्ला को फोन कर लिंबा के इलाज की निशुल्क व्यवस्था करने का आदेश दे दिया। जब मुझे पता चला कि लिंबा राम इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में धक्के खा रहे हैं तो उनकी पत्नी जैनी से संपर्क किया। लिंबाराम को इलाज के लिए अस्पताल बुलाने की व्यवस्था की जा रही है।
वहीं जैनी ने कहा कि यशोदा अस्पताल की तरफ से मुझे फोन आया था। अभी मैंने लिंबा से बात नहीं की है क्योंकि उनको मानसिक समस्या है। मैं उनसे बात करके यशोदा अस्पताल को अवगत कराऊंगी। दैनिक जागरण ने जो हमारे लिए किया है उसके लिए मैं दिल से धन्यवाद देती हूं। लिंबा की बीमारी पकड़ में नहीं आ रही है। कभी न्यूरो की परेशानी होती है तो कभी लीवर की परेशानी आती है। हम चाहते हैं कि अच्छे से इलाज हो जाए। मैं चार-पांच साल से बहुत परेशान हूं। यशोदा अस्पताल के निशुल्क इलाज की घोषणा दिल को सुकून देने वाली है।
अर्जुन अवार्डी प्रशांति सिंह ने लगाई गुहार
पद्मश्री और अर्जुन पुरस्कार विजेता बास्केटबॉल खिलाड़ी प्रशांति सिंह ने भी दैनिक जागरण की खबर को ट्वीट करते हुए खेल मंत्री किरन रिजिजू और खेल मंत्रालय से उनकी मदद की गुहार लगाई। प्रशांति ने लिखा कि दिग्गज तीरंदाज लिंबाराम जिंदगी से जूझ रहे हैं क्योंकि अस्पताल उनसे ओलंपिक या अवॉर्ड का कोई कार्ड लाने को कह रहे हैं। यह बेहतर होगा कि अगर खेल मंत्रालय उन्हें कोई आइडी कार्ड उपलब्ध कराए। साथ ही सांसदों से भी गुजारिश है कि वे इस संबंध में खेल मंत्री किरन रिजिजू को लिखें। इसके बाद रिजिजू ने तुरंत जवाब देते हुए लिखा कि मैं इस मामले की जांच करूंगा प्रशांति। इसके बाद प्रशांति ने जवाब में लिखा कि यह सिर्फ एक मामला नहीं है। ऐसे कई खिलाड़ी हैं। शीर्ष खिलाडि़यों को आइडी कार्ड उपलब्ध करा दिए जाएं। उन्होंने लिखा कि मैं चार दिन पहले लिंबा राम से मिली थी। तब उन्होंने मुझे इस बारे में नहीं बताया लेकिन वह बहुत बीमार लग रहे थे।