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EXCLUSIVE Interview: सुशील कुमार बोले- मेरे फर्जी हस्ताक्षर करने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई करूंगा

भारतीय पहलवान सुशील कुमार फर्जीवाड़े का शिकार हो गए हैं। इसको लेकर उन्होंने दैनिक जागरण को दिए इंटरव्यू में कहा है कि उनके खिलाफ जालसाजी करने वाले लोगों के खिलाफ वे सख्त कार्रवाई कराएंगे जिन्होंने उनके सिग्नेचर कॉपी किए हैं।

By Vikash GaurEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 07:25 AM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 07:25 AM (IST)
सुशील कुमार फर्जीवाड़े का शिकार हो गए हैं।

नई दिल्ली, जेएनएन। दो ओलंपिक पदक जीतने वाले देश के इकलौते खिलाड़ी और स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआइ) के अध्यक्ष सुशील कुमार के फर्जी हस्ताक्षर के जरिये उन्हीं की संस्था के नियम बदल दिए गए। दैनिक जागरण में खबर छपने के बाद मामला सबके संज्ञान में आया। सुशील का कहना है कि जिसने भी ऐसा किया है उसके खिलाफ वह सख्त कार्रवाई करेंगे। इन सभी मामलों पर अभिषेक त्रिपाठी ने सुशील कुमार से विशेष बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश-

-आपके फर्जी हस्ताक्षर कराकर एसजीएफआइ के नियम बदल दिए गए? आपको पता ही नहीं चला?

--जब मुझे 12 तारीख को भारत सरकार से मेल आया कि आप एसजीएफआइ के खिलाफ की गई शिकायतों पर एक्शन लेकर 30 तारीख तक रिपोर्ट दें तो मैंने एकदम से देखा कि ये तो हमारा बायलॉज भी बदल रखा है और ये जो हस्ताक्षर हैं, ये मुझे मेरे नहीं लग रहे थे। फिर मैंने अपने सभी कार्यकारी सदस्यों को ईमेल किया कि आप लोग बताएं कि ये बायलॉज कब बदले गए, तो बहुत से लोगों ने बताया कि उन्हें पता ही नहीं। इस बदलाव से सीधा-सीधा फायदा सचिव और सीईओ को दिख रहा है। इसमें कोई भी दोषी हो, चाहे वह सचिव हो या कोई और हो, कोषाध्यक्ष हो या हमारे पूर्व अधिकारी हों या फिर कोई मेरे घर का ही क्यों न हो, मैं उस पर कानूनी कार्रवाई करूंगा।

-इससे तो आपकी छवि खराब करने की कोशिश की गई है?

-इसी चीज को तो मैं कह रहा हूं कि मैं देश के लिए खेलता रहा हूं और देश के जो युवा बच्चे हैं मैं उस संस्था का अध्यक्ष हूं तो मेरी जिम्मेदारी बनती है कि इसको ठीक करूं और कोई ये न कहे कि सुशील की संस्था में ये चीज हो रही है।

-क्या आगे एफआइआर भी हो सकती है?

-मैं अपने वकील से बात कर रहा हूं कि इसमें क्या-क्या होना चाहिए और जो भी उचित कार्रवाई होगी हम करेंगे।

-एसजीएफआइ पिछले काफी दिनों से विवाद में रहा है?

-हां, कई शिकायतें खेल मंत्रालय के जरिये भी मेरे पास आई हैं। उसमें पैसों का भी कुछ लेन-देन है। मैं आपके माध्यम से पूरे देश को कहना चाहता हूं कि बहुत सारे लोग एसजीएफआइ से जुड़े हुए हैं और हमारे छोटे बच्चों का भविष्य इससे जुड़ा हुआ है, इसलिए मैं इसे ठीक करने की कोशिश करूंगा। मैं जल्द ही भारत सरकार को जवाब दूंगा।

-आपको क्या पहले भी सचिव व सीईओ राजेश मिश्रा या उनसे जुड़े लोगों के खिलाफ गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं?

-बीच-बीच में खबरें आती थीं मगर मैं अपने कामों में बहुत व्यस्त था। ओलंपिक और कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारी में था लेकन कोरोना के कारण मुझे संघ पर ध्यान देने का थोड़ा मौका मिला, क्योंकि मैं ट्रेनिंग से थोड़ा अलग हो गया था। तब ये चीजें मेरे सामने आई। जांच होगी तो पता नहीं क्या-क्या दिखेगा। मैंने तो अपना काम शुरू कर दिया है और आपके माध्यम से सभी देशवासियों को मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से भी मिलने की जरूरत पड़ी तो मैं उनसे भी मिलूंगा, क्योंकि वह खेलों को बहुत प्यार करते हैं।

-कुछ शिकायतें सीबीआइ के पास भी लंबित पड़ी हैं। आप क्या चाहेंगे?

-बिल्कुल, सीबीआइ हमारे देश की बड़ी जांच एजेंसी है। अगर जरूरी है तो सीबीआइ को जांच करनी चाहिए।

-पहली नजर में आपको कौन दोषी नजर आता है?

-मुझे अभी तक दोषी कोई नहीं लगा है, मगर चीजें गड़बड़ दिख रही हैं। इतनी शिकायतें हो रही हैं। पीएमओ से हमारे पास शिकायतें आ रही हैं। खेल मंत्रालय जांच करने के लिए हमसे कह रहा है। मैंने खेल मंत्रालय के पत्र को देखते हुए जांच शुरू कर दी है।

-दैनिक जागरण ने पहले भी खबर छापी थी कि एसजीएफआइ ने विदेश में बच्चों को भेजने के लिए सरकारों से मिले धन में गड़बड़ की।

--(बीच में सवाल काटते हुए) आपकी खबर छपने के बाद ही मैं एक्टिव हुआ हूं और मैंने कई बार अपने सचिव को फोन करके कहा कि इन चीजों को गहराई से देखें कि क्या-क्या है मगर आज तक कोई चिट्ठी ऐसी मेरे संज्ञान में नहीं है जो उन्होंने भारत सरकार को भेजी हो।

-जब आपने सचिव को पत्र लिखा तो उनकी क्या प्रतिक्रिया रही?

--उन्होंने एक भी पत्र का जवाब ठीक-ठाक नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वह अस्पताल में भर्ती हैं। मैंने उन्हें यह भी सहानुभूति दी कि आप अस्पताल से आकर जवाब दे दो, तब तक हम चीजें रोककर रखते हैं। मैंने तो अपनी तरफ से कार्रवाई करनी शुरू कर दी है और मैं बहुत ही जल्दी आप लोगों को साफ-सुथरी एसजीएफआइ का गठन करके दे दूंगा।

-क्या आप एसजीएफआइ पर लगातार उतना ध्यान देंगे जितना अभी दे रहे हैं?

--मेरी पहली प्राथमिकता यही रहेगी कि इसे साफ-सुथरा करूं और उसके बाद जो दूसरा कदम होगा, मैं आपसे चर्चा करूंगा।

-एसजीएफआइ के चुनाव भी होने हैं, क्या आप फिर अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे?

--चुनाव के लिए बतौर अध्यक्ष मैंने चिट्ठी लिख दी है कि अभी चुनाव की प्रक्रिया को रोक देते हैं क्योंकि पहले चीजों को ठीक करना होगा। अभी मैं कार्यकारी समिति की बैठक दोबारा बुलाऊंगा और उसके बाद मैं घोषणा करूंगा कि हम चुनाव किन तारीखों में करा रहे हैं। मैं अध्यक्ष का चुनाव जरूर लड़ूंगा।


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