क्रिकेट में डूबे थे सभी, इस भारतीय खिलाड़ी ने वर्ल्ड बैडमिंटन में रच दिया इतिहास
साई प्रणीत ने विश्व चैंपियनशिप में पदक कर 36 साल पुराने इतिहास को दोरहाया। साल 1983 में प्रकाश पादुकोण ने इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह पक्की की थी।
नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय खेल प्रेमियों का झुकाव क्रिकेट की तरफ थोड़ा ज्यादा नजर आता है। बैडमिंटन, हॉकी और फुटबॉल जैसे खेलों की तुलना में लोगों के क्रिकेट ज्यादा लुभाता है। भारत इस वक्त वेस्टइंडीज में टेस्ट सीरीज खेल रहा है। पहले टेस्ट के दूसरे दिन जब क्रिकेटर रविंद्र जडेजा के अर्धशतक पर चर्चा हो रही थी तब बैडमिंटन में भी इतिहास रचा गया था।
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी साई प्रणीत ने विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में शानदार कामयाबी हासिल करते हुए कांस्य पदक पक्का किया। प्रणीत ने शुक्रवार को खेले गए मुकाबले में इंडोनेशिया के जोनाथन क्रिस्टी पर सीधे सेटों में जीत दर्ज की। यह मुकाबला प्रणीत ने 24-22, 21-14 से जीतकर 36 साल पुराने इतिहास को दोहराया।
प्रणीत ने दोहराया 36 साल पुराना इतिहास
भारतीय बैडमिंटन स्टार साई प्रणीत ने विश्व चैंपियनशिप में पदक कर 36 साल पुराने इतिहास को दोरहाया। साल 1983 में दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण ने इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह पक्की की थी। वह इस टूर्नामेंट में भारत की तरफ से कांस्य पदक जीतने वाले पहले पुरुष भारतीय खिलाड़ी बने थे।
ये भी पढ़ें: जब अरुण जेटली के मनाने पर सहवाग ने बदल दिया था अपना बड़ा फैसला
प्रणीत का कांस्य पदक पक्का
प्रणीत ने शुक्रवार को सेमीफाइनल में कदम रखते ही भारत की झोली में एक पदक का आना पक्का कर दिया। वैसे इस खिलाड़ी से उम्मीद को गोल्ड की रहेगी लेकिन अगर इस मुकाबले में उनको जीत नहीं मिलती तो भी कांस्य पदक जरूर मिलेगा।
सेमीफाइनल में उनका मुकाबला दुनिया के नंबर-1 जापान के केंटो मोमोटा के साथ होना है। मोमोटा के खिलाफ पिछले 5 में से दो मुकाबले में प्रणीत जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं।
मैच के बाद प्रणीत ने आईएएनएस से कहा, "प्रकाश पादुकोण सर के बाद इस टूर्नामेंट में किसी भारतीय ने पुरुष सिंगल्स में कोई पदक नहीं जीता था। ऐसे में मेरे लिए यह बहुत ही बड़ी जीत है। अभी इस टूर्नामेंट में कुछ मुकाबले खेलने बाकी हैं। सेमीफाइनल के मैच के लिए मैंने सारी अहम तैयारी पूरी कर ली है।“