जब अरुण जेटली के मनाने पर वीरेंद्र सहवाग ने बदल दिया था अपना बड़ा फैसला
अरुण जेटली ने 13 साल दिल्ली क्रिकेट एसोशिएशन के अध्यक्ष के तौर पर काम किया। साल 1999 से लेकर 2012 तक जेटली ने डीडीसीए के अध्यक्ष के तौर पर काम किया।
नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली का शनिवार को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। लंबे समय से मौत से जंग लड़ रहे जेटली जितनी राजनीति में पकड़ रखते थे उतना ही उनका योगदान दिल्ली क्रिकेट में भी रहा।
अरुण जेटली ने 13 साल दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के तौर पर काम किया। साल 1999 से लेकर 2012 तक जेटली ने डीडीसीए के अध्यक्ष के तौर पर काम किया। भारतीय क्रिकेट के कई दिग्गजों को जेटली ने सराहा और उनको विश्व क्रिकेट में पहचान बनाने में अहम भूमिका निभाई।
सहवाग, गंभीर, नेहरा और इशांत को जेटली का समर्थन
भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर वीरेंद्र सहवाग को दुनिया के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में गिना जाता है। जेटली के कार्यकाल में ही सहवाग, गौतम गंभीर, शिखर धवन, विराट कोहली जैसे धुरंधर बल्लेबाज निकलकर सामने आए। सहवाग और गंभीर ने लंबे वक्त तक टीम की ओपनिंग की थी। जेटली खुद दिल्ली के उभरते हुए खिलाड़ियों की पैरवी बीसीसीआई में किया करते थे।
वहीं आशीष नेहरा और इशांत शर्मा जैसे शानदार गेंदबाज भी जेटली के डीडीसीए अध्यक्ष रहते ही उभरकर विश्व क्रिकेट में पहचान बनाने में कामयाब हुए। इन सभी को भारतीय टीम तक के सफर तय करने में जेटली का खासा योगदान रहा।
जेटली के पास मदद के लिए आते थे क्रिकेटर्स
किसी भी खिलाड़ी की मदद करने में जेटली हमेशा आगे रहते थे। दिल्ली के गेंदबाज आशीष नेहरा अपने करियर के दौरान चोटों से लगातार जूझते रहे। नेहरा जब टीम में खेलते हुए चोटिल हुए थे तब उनके ऑपरेशन का बीड़ा जेटली ने ही उठाया था।
सहवाग ने बना लिया था दिल्ली टीम छोड़ने का मन
एक वक्त ऐसा भी थी जब पूर्व भारतीय ओपनर सहवाग ने दिल्ली क्रिकेट टीम को छोड़ने का मन बना लिया था। सहवाग को हरियाणा क्रिकेट के जुड़ने का ऑफर था और उन्होंने टीम के साथ जुड़ने की प्रकिया भी लगभग पूरी कर ली थी। इस बात की जानकारी मिलने के बाद जेटली ने खुद सहवाग को दिल्ली की तरफ से खेलते रहने के लिए मनाया था। जेटली का अंदाज ही कुछ ऐसा था कि वीरू उनको ना नहीं कर पाए।
जेटली के कार्यकाल में शुरू हुई थी क्रिकेटरों की पेंशन
जब बीसीसीआई की तरफ से भारत की तरफ से खेल चुके पूर्व क्रिकेटरों की पेंशन दिए जाने की योजना शुरू की गई तब जेटली ने इसे डीडीसीए में भी लागू करने का फैसला लिया।