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आठ साल पहले हुए इस हत्याकांड की अभी तक नहीं सुलझी गुत्थी, पुलिस फिर तत्पर

आठ साल पहले हुए जयश्री मिश्र हत्याकांड को लेकर पुलिस एक बार सुराग जुटाने में लग गयी है संबलपुर पुलिस के अपराध इतिहास में जयश्री मिश्र हत्याकांड एक चुनौती है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 17 Sep 2019 12:57 PM (IST)Updated: Tue, 17 Sep 2019 12:57 PM (IST)
आठ साल पहले हुए इस हत्याकांड की अभी तक नहीं सुलझी गुत्थी, पुलिस फिर तत्पर
आठ साल पहले हुए इस हत्याकांड की अभी तक नहीं सुलझी गुत्थी, पुलिस फिर तत्पर

संबलपुर, जेएनएन। रुपये के कथित लेनदेन को लेकर करीब आठ साल पहले घटित बहुचर्चित जयश्री मिश्र हत्याकांड को लेकर पुलिस एक बार फिर तत्पर है। नए पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यभार संभालने के बाद डॉ. कंवर विशाल सिंह ने आठ वर्ष पुराने इस मामले को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश शुरू कर दी है ताकि उसकी बेटी विजयिनी और बेटे भवानी को ना केवल न्याय मिल सके बल्कि जयश्री के चरित्र को लेकर बदनामी के दाग से परिवार को छुटकारा मिल सके और हत्यारोपी बसंत पंडा को उसकी करनी की सजा।

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खबर है कि जयश्री की हत्या के बाद आरोपित बसंत आंध्रप्रदेश के पुटटपर्थी चला गया था और काफी दिनों तक वहां छिपा था। इस दौरान उसके बारे में अधिक सबूत जुटाने के लिए पुलिस टीम वहां जाएगी। सूत्रों की माने तो संबलपुर पुलिस के अपराध इतिहास में जयश्री मिश्र हत्याकांड एक चुनौती है। पुलिस को आठ वर्ष पहले घटित हत्याकांड की जांच करनी पड़ रही है। आरोपित बसंत पंडा ने पुलिस के सामने अपना अपराध भले ही स्वीकार कर लिया है लेकिन अदालत में उसके खिलाफ पुख्ता सबूत होना जरूरी है।

नए पुलिस कप्तान डाॅ सिंह ने इस मामले को अंजाम तक पहुंचाने की  कोशिश में हैं और इसी को लेकर उन्होंने हाल ही में उस स्थान का दौर किया जहां बसंत ने जयश्री की हत्या करने के बाद अपने सहयोगी की सहायता से शव को दफनाया था। विगत 26 जुलाई को बुर्ला पुलिस और फारेंसिक टीम ने  आरोपित बसंत के गांव बडसिंघारी  के समीप महुलमुंड़ा में दफनाये गए स्थान से जयश्री की खोपड़ी का अवशेष जब्त कर एफएमटी के लिए बुर्ला हॉस्पिटल भेजा था। इसकी रिपोर्ट से पुलिस को पता चला है कि खोपड़ी किसी महिला की है, लेकिन खोपड़ी जयश्री की है या नहीं, यह जानने के लिए पुलिस ने पहली अगस्त को अदालत की अनुमति के बाद बेटी विजयिनी और बेटे भवानी का डीएनए सैंपल लेकर टेस्ट के लिए भेजा है जिसकी रिपोर्ट अबतक नहीं मिली है। ऐसे में पुलिस अधीक्षक डा. सिंह ने बुर्ला हॉस्पिटल के एफएमटी विभाग और आंचलिक फारेंसिक लैब के डिप्टी डायरेक्टर से इस बारे में चर्चा करते हुए उन्हें दोबारा महुलमुंडा में शव को दफनाए गए स्थान की खुदाई करने की सलाह दी है।

उल्लेखनीय है कि संबलपुर टाउन थाना अंतर्गत नंदपाड़ा निवासी मुरारी प्रसाद मिश्र की विधवा 13 अक्टूबर 2011 को अपनी बड़ी बेटी के विवाह का कार्ड बांटने निकली थी। इसी सिलसिले में वह अपने रिश्ते के जीजा बसंत पंडा के गांव जाने गोशाला चौक में बस से उतरी थी। वहीं उसकी मुलाकात जीजा बसंत से हो गई। दोनों बाइक से बडसिंघारी गांव जाने के लिए निकले।

इसी दौरान जयश्री और बसंत के बीच रुपये के लेनदेन को लेकर झगड़ा हुआ और बसंत ने जयश्री की हत्या कर दी थी। इस घटना के बाद जयश्री की छोटी बेटी विजयिनी ने अपनी मां के लापता होने और इसके पीछे बसंत का हाथ होने की रिपोर्ट टाउन थाने में दर्ज करायी थी लेकिन तत्कालीन थानेदार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और मामला वर्षों तक दबा रहा। लेकिन बेटी विजयिनी अपनी मां को न्याय दिलाने की कोशिश जारी रखी और विगत 21 जुलाई को फिर से टाउन थाने में मामला दर्ज कराया तब पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की और आरोपित बसंत समेत उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया।

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