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सिविल सर्विस में जाने वालों को मिला गुरुमंत्र

राउरकेला महानगर निगम तथा स्मार्ट सिटी लिमटेड के प्रयास से बुधवार को भंज भवन परिसर में समता-2019 कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 09:53 PM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 09:53 PM (IST)
सिविल सर्विस में जाने वालों को मिला गुरुमंत्र

जागरण संवाददाता, राउरकेला : महानगर निगम तथा स्मार्ट सिटी लिमिटेड के प्रयास से बुधवार को भंज भवन में समता-2019 कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों ने प्रशासनिक सेवा में जाने की ख्वाहिश रखने वाले छात्र-छात्राओं के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए परीक्षा की तैयारी के लिए उन्हें टिप्स दिए।

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राउरकेला के अतिरिक्त जिलाधीश डॉ. येदुला विजय के संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम में जिलाधीश निखिल पवन कल्याण ने प्रशासनिक सेवा में अपनी यात्रा साझा करते हुए कहा कि एडोव कंपनी में नौकरी के दौरान लाखों रुपये वेतन मिलता था पर जीवन में पैसा ही सबकुछ नहीं है। जनसेवा के लिए नौकरी छोड़कर प्रशासनिक सेवा चुना। उन्होंने हर क्षेत्र में सफलता के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम करने पर जोर दिया। साथ ही उपस्थित छात्र-छात्राओं की जिज्ञासा भी शांत की। बणई के डीएफओ सुधांशु कुमार खरा ने कहा कि उनका जन्म पिछड़े कोरापुट जिले के एक गांव में साधारण परिवार में हुआ। आज वे भारतीय वन सेवा में सफलता हासिल कर इस पद पर है। कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए सामाजिक, आर्थिक या पारिवारिक पृष्ठभूमि महत्व नहीं रखती। अपने को मंच और मौके की तलाश करनी पड़ती है। डीआइजी कविता जलान ने कहा कि उत्तरप्रदेश के जिस गांव से वह आयी हैं वहां लड़कियों को लोग पढ़ाना नहीं चाहते थे। विरोध के बावजूद लक्ष्य को पाने के लिए पढ़ाई की और इस पद तक पहुंची। एसपी के. शिवा सुब्रमणी ने अपना संपूर्ण जीवन संघर्ष विद्यार्थियों के समक्ष बयां किया। कहा कि गांव के स्कूल से दसवीं की परीक्षा द्वितीय श्रेणी में उत्तीण करने के बाद फिटर ट्रेड में आइटीआइ किया। इसके बाद पत्राचार के जरिये अन्य शिक्षा ली और प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में सफल हुआ। उन्होंने सफलता हासिल करने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर उसे पाने के लिए कठिन परिश्रम करने पर जोर दिया। कहा कि इसकी तैयारी के लिए पुस्तक से ही काफी कुछ मिलता है। ओएएस अधिकारी महानगर निगम के डिप्टी कमिश्नर सुधांशु भोइ ने बताया कि बलांगीर जिले के सुदूर जिस गांव में उनका जन्म हुआ वहां लोगों का आना मुश्किल था। पहले भारतीय रेल में अधिकारी के रूप में नौकरी की बाद में ओएएस की परीक्षा पास की। पिता शिक्षक थे एवं मां ने उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। एडीएम व महानगर निगम के कमिश्नर डॉ. येदुला विजय ने कहा कि प्रशासनिक सेवा की तैयारी करने वालों के लिए राउरकेला में एक अकादमी खोलने का लक्ष्य है।


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