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श्रीमंदिर के निकट उच्छेद प्रक्रिया पर एमिकेस क्यूरी की मुहर, जानें क्‍या होती है एमिकेस क्यूरी

ओडिशा में श्रीमंदिर के चारों तरफ चल रही उच्‍छेद प्रक्रिया को एमिकेस क्‍यूरी ने सही ठहराते हुए सरकार के फैसले का स्वागत किया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 02:17 PM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 02:21 PM (IST)
श्रीमंदिर के निकट उच्छेद प्रक्रिया पर एमिकेस क्यूरी की मुहर, जानें क्‍या होती है एमिकेस क्यूरी

भुवनेश्वर, जेएनएन। श्रीक्षेत्र धाम पुरी में श्रीमंदिर के चारों तरफ 75 मीटर की परिधि में चल रही उच्छेद प्रक्रिया को एमिकेस क्यूरी ने सही ठहराया है। पुरी जिला प्रशासन एवं श्रीमंदिर प्रशासन से चर्चा करने के बाद एमिकेस क्यूरी रंजित कुमार ने सरकार के निर्णय को ठीक बताते हुए कहा है कि सरकार ने जो कदम उठाया है, वह स्वागत योग्य है। सभी के साथ चर्चा एवं सहमति के आधार पर यह काम किया जा रहा है। इसमें हर किसी को सहयोग करने के लिए भी उन्होंने अनुरोध किया है। 

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महाप्रभु का दर्शन करने के बाद आज सुबह एमिकेस क्यूरी एवं सलीसीटर जनरल तुषार मेहेटा ने गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव के साथ चर्चा की है। यहां से चर्चा करने के बाद श्रीमंदिर प्रशासक के कार्यालय पहुंचे और मंदिर के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चर्चा की। इसके बाद मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि अदालत के निर्देश के मुताबिक हम स्थिति का मुआयना करने आए थे। श्रीमंदिर संचालन कमेटी के साथ हमने चर्चा की। सरकार ने श्रीमंदिर की सुरक्षा एवं विकास के लिए जो कदम उठाया है वह स्वागत योग्य है। यह सब सबकी सहमति एवं सबके साथ चर्चा करने के बाद किया जा रहा है। ऐसे में इसमें हर किसी को सहयोग करना चाहिए। महाप्रभु का अगले साल नागार्जुन वेश होना है। पुरी में करीबन 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के समागम होगा। ऐसे में शांति प्रिय एवं अनुशासनिक ढंग से समारोह को सम्पन्न कराने के लिए सरकार ने इस तरह के कार्यक्रम हाथ में लिया है। 

 यहां उल्लेखनीय है कि मेघनाद दीवार से 75 मीटर तक उच्छेद करने को लेकर सुप्रीमकोर्ट में मामला दायर होने के बाद वास्तविक स्थिति का अनुध्यान करने के लिए आमिकेस क्यूरी पुरी आए हैं। गजपति महाराज, श्रीमंदिर के प्रशासनिक अधिकारी के साथ विभिन्न पक्ष के साथ चर्चा करने के बाद वह सुप्रीमकोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।

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क्या होती है एमिकस क्यूरी 

फीस देने में असमर्थ आरोपी वकील नहीं कर पाते, ऐसे में अदालत उन्हें सरकारी खर्च पर वकील उपलब्ध करवाती है। उसे एमिकस क्यूरी कहा जाता है। इसके अलावा किसी मामले में कोर्ट की सहायता के लिए अदालत एमिकस क्यूरी नियुक्त करती है। ऐसे एमिकस क्यूरी अदालत को संबंधित मामलों में कानूनी जानकारी देते हैं। गौरतलब है कि एमिकस क्यूरी की नियुक्ति केस की किसी भी स्टेज पर की जा सकती है। अदालत में प्रेक्टिस करने वाले वकीलों में से कोर्ट किसी को को भी एमिकस क्यूरी बना सकता है इसके लिए राज्य सरकार से केस लडऩे की फीस मिलती है।  

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