सालेपुर दुष्कर्म कांड में मुश्ताक दोषी करार, पोस्को कोर्ट ने दी फांसी की सजा
पोस्को अदालत ने सालेपुर दुष्कर्म मामले में मोहम्मद मुश्ताक को दोषी करार करते हुए फांसी की सजा सुनाई है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। सालेपुर दुष्कर्म मामले में कटक की विशेष पोस्को अदालत ने आरोपित मोहम्मद मुश्ताक को दोषी करार करते हुए फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए समाजसेवी नम्रता च़ड्ढा ने इसे औरों के लिए उदाहरण एवं अपराधियों के लिए चेतावनी देने वाला निर्णय बताया है। चड्ढा ने बताया कि पहले न्याय मिलने में विलंब होता था जिससे अपराध करने वालों को परोक्ष प्रोत्साहन मिलता था मगर सालेपुर मामले में जिस तरह से पोस्को अदालत ने त्वरित न्याय प्रदान किया है उससे आस बंधी है कि अपराधियों के मन में न्यायपालिका को लेकर भय उत्पन्न होगा और समाज में ऐसे घृणित कर्म करने वालों की संख्या कम होगी। पिछले दो महीने के अंदर एक के बाद एक दुष्कर्म मामले में फांसी की सजा दिए जाने का सामाजिक कार्यकर्ता नम्रता ने स्वागत किया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल 21 अप्रैल महीने को घटित इस घटना में चॉकलेट देने के नाम पर आरोपित मुश्ताक अपने भाई के साथ खेल रही छह साल की नाबालिग को जबरन उठा ले गया था और दुष्कर्म किया था। गंभीर हालात में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती नाबालिग की 29 अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी। पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए 19 दिन बाद चार्जशीट दायर कर दी थी।
कटक स्पेशल पोस्को कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी सुनवाई समाप्त कर दंड विधान की घोषणा कर दी है। पिछले 2 महीने के अंदर दुष्कर्म के आरोप में 4 लोगों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। इसी साल 26 जुलाई को अनुगुल के श्रीनिवास देहुरी को दुष्कर्म मामले में फांसी की सजा दी गई थी। 29 अगस्त को बारीपदा के जामिनी कांत महांत को एवं 10 सितंबर को एरसमा के लबमाना को दुष्कर्म मामले में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है।
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