ओडिशा में शिक्षा के मंदिर में अमानवीय कृत्य, पैर और मुंह बंधे 12 कुत्तों को बचाया गया
ओडिशा के एक स्कूल में कुत्तों के भौंकने से शोर न हो इसलिए कुत्तों के मुंह और पैर को बांध दिया गया। सूचना मिलने पर एक स्वयंसेवी संगठन के सदस्य वहां पहुंचे और 12 कुत्तों को छुड़ाया गया।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। शिक्षा के मंदिर में अमानवीय कृत्य सामने आया है। यहां इंसानियत की शिक्षा देने की बजाय घटिया शिक्षा दी जा रही है। यहां मासूम कुत्ते पर अकथनीय अत्याचार किया गया है। उनके चेहरे और पैर दोनों बंधे हुए थे।
इस कृत्य के पीछे सफाई दी गई है कि कुत्तों के भौंकने से शैक्षणिक वातावरण नष्ट हो रहा है। उनके काटने की संभावना है ऐसे में विश्वविद्यालय के अधिकारियों की अनुमति के बाद इस कार्य को किया गया है।
इसकी सूचना मिलने के बाद लंबे समय के अंतराल के बाद, कुछ स्वयंसेवी संगठन के सदस्य वहां पहुंचे और लगभग 12 कुत्तों को छुड़ाया जिनके मुंह और पैरों को बांधकर रखा गया था। यह दर्दनाक घटना गंजाम जिले के बरहमपुर विश्वविद्यालय परिसर स्थित महिला छात्रावास परिसर में देखने को मिली।
12 कुत्तों के बंधे हुए थे पैर और मुंह
जानकारी के अनुसार कल बालिका छात्रावास परिसर में 12 आवारा कुत्तों को बांध दिया गया था। उनके पैर और मुंह बंधे हुए थे। ऐसे में वे लंबे समय तक भूखे प्यासे परिसर में पड़े रहे।
खबर मिलते ही बरहमपुर एनिमल प्रोटेक्शन एसोसिएशन के संस्थापक रोनाली पाणीग्रही अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंची। इस घटना की खबर मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। बाद में कुत्तों को छुड़ाया गया। इस खबर के सामने आने के बाद लोगों ने जब इसका विरोध किया तो फिर छात्रावास प्रशासन ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है।
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
रोनाली ने कहा कि बंधे कुल 12 कुत्तों को छुड़ा लिया गया है। रोनाली पाणीग्राही ने कहा कि वह बरहमपुर एसपी के पास इस संदर्भ में लिखित शिकायत दर्ज कराएंगी कि निर्दोष लोगों के खिलाफ इस तरह की जघन्य हरकत करने वाले कॉलेज और छात्रावास अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
छात्रावास के अधिकारियों ने अपने बयान में कहा है कि छात्रों ने कुत्ते के काटने की शिकायत की थी। इसलिए कुत्तों को कहीं और छोड़ने के लिए यहां बांधकर रखा गया था।
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