सूबे में राजनीतिक इमरजेंसी जैसी स्थिति : सिंह
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : अमित शाह के दौरे के बाद भाजपा ने पंचायत चुनाव के लिए कमर कस
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर :
अमित शाह के दौरे के बाद भाजपा ने पंचायत चुनाव के लिए कमर कस ली है। इसके लिए प्रदेश भाजपा की तरफ से रणनीति व तैयारी शुरू कर दी गई है। सूबे में समस्याओं को मुद्दा बनाकर भाजपा पंचायत चुनाव में उतरेगी। इसके लिए आगामी 26 दिसंबर से सात जनवरी तक राज्य के सभी पंचायतों में सभाएं आयोजित की जाएगी। इन सभाओं के जरिए भाजपा नेता लोगों को राज्य सरकार की विफलता की कहानी एवं केंद्र सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताएंगे।
प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में पार्टी राज्य प्रभारी अरुण सिंह ने उक्त जानकारी दी। सिंह ने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए केंद्र सरकार सीधे पंचायतों को करोड़ों रुपये मुहैया करा रही है, मगर राज्य सरकार निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को उक्त राशि को खर्च करने की क्षमता ही नहीं दी है। विधायक एवं जिलाधीश के बिना अनुमति के पंचायतों में खर्च अधिकार को ही राज्य सरकार ने बंद कर दिया है। इससे केंद्रीय राशि को खर्च करने का अधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधि देने की माग को लेकर भाजपा लोगों के पास जाएगी। राज्य में राजनीतिक इमरजेंसी जैसी स्थिति बन गई है। ओडिशा ही एक ऐसा राज्य है जहा पर मुख्यमंत्री के दौरे से पहले विरोधी दल के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया जाता है। उन्होंने कहा कि सुंदरगढ़ एवं राउरकेला दौरे से पहले भाजपा के कार्यकर्ताओं को आधी रात से गिरफ्तार करना शुरू कर दिया गया, जो निंदनीय है। मुख्यमंत्री अपनी कमजोरी के कारण जनता के सामने जाने से डर रहे हैं। यही कारण है कि वह एक ही जगह से सैकड़ों शिलान्यास कर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। इससे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बसंत पंडा के नेतृत्व में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें पंचायत चुनाव की तैयारी पर चर्चा हुई।