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23 फरवरी को ओडिशा के दौरे पर अमित शाह, क्‍या धर्मेंद्र प्रधान के चुनाव लड़ने का तैयार हो रहा रोडमैप?

ओडिशा में आम चुनाव भले ही एक साल दूर है लेकिन भाजपा ने इसे लेकर अभी से तैयारी शुरू कर दी है। इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 23 तारीख को ढेंकनाल एवं भद्रक जिले के दौरे पर आ रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenPublished: Wed, 08 Feb 2023 10:20 AM (IST)Updated: Wed, 08 Feb 2023 10:20 AM (IST)
ओडिशा में आम चुनाव को लेकर भाजपा ने शुरू की तैयारी

शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। आम चुनाव भले ही अभी करीब एक साल दूर हैं, लेकिन भाजपा ने अनुगुल और ढेंकनाल जिले में समय से पहले चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। कई केंद्रीय मंत्रियों के लगातार दो जिलों के दौरे के कारण पार्टी में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कार्यकर्ता भी उत्साहित हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस महीने की 23 तारीख को ढेंकनाल एवं भद्रक जिले के दौरे पर आ रहे हैं। अमित शाह के ढेंकनाल दौरे पर आने की खबर ने धर्मेंद्र प्रधान के चुनाव लड़ने को लेकर जो चर्चा चल रही थी उसमें आग में घी डालने का काम किया है। इसे सफल बनाने के लिए पार्टी की मंडल स्तर की तैयारी बैठक भी चल रही है।

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धर्मेंद्र ढेंकनाल से लड़ सकते हैं आगामी चुनाव

बीजेपी हलकों में चर्चा है कि यह सब धर्मेंद्र के लिए मैदान तैयार करने के मद्देनजर किया जा रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान आगामी चुनाव में ढेंकनाल संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी संकेत देने शुरू कर दिए हैं कि धर्मेंद्र इस बार उम्मीदवार होंगे। वरिष्ठ नेता भी धर्मेंद्र की उम्मीदवारी के पक्ष में तर्क दे रहे हैं।

जीत चुके हैं लोकसभा और विधानसभा चुनाव

धर्मेंद्र का घर अनुगुल जिले में है और इससे पहले वह लोकसभा और विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। 2000 से 2004 तक वह अनुगुल जिले के पाललहडा से विधायक चुने गए। बाद में 2009 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर देवगढ़ लोकसभा सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा। उस समय देवगढ़ संसदीय क्षेत्र में तालचेर और पाललहडा विधानसभा क्षेत्र शामिल थे। धर्मेंद्र ने यह चुनाव भी जीता और लोकसभा में गए।

धर्मेंद्र अब अनुगुल और ढेंकनाल को दे रहे प्राथमिकता

2009 में बीजद-भाजपा गठबंधन टूटने के बाद वह फिर से पाललहडा सीट से भाजपा के उम्मीदवार बने। हालांकि, इस बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा और वह कुछ समय तक राजनीति से दूर रहे। बाद में वह राज्य के बाहर से राज्यसभा गए और केंद्रीय मंत्री बने। वह धीरे-धीरे केंद्रीय भाजपा की राजनीति में आगे बढ़ते गए और राज्य भाजपा का चेहरा बन गए, लेकिन अनुगुल उनके फोकस में नहीं रहा। पिछले कैबिनेट में फेरबदल के बाद उन्होंने अचानक अनुगुल और ढेंकनाल को प्राथमिकता दे दी।

हर महीने कर रहे हैं इन दो जगहों का दौरा

वह अप्रैल से हर महीने अनुगुल और ढेंकनाल का दौरा करते रहे हैं और अब वह महीने में दो से तीन बार अनुगुल का दौरा कर रहे हैं। वह खुद तो आ ही रहे हैं, साथ में अन्य वरिष्ठ मंत्रियों को भी अपने साथ लेकर आए हैं और अनुगुल और ढेंकनाल की यात्रा की है। इन मंत्रियों में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया और कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी शामिल हैं।

सरकारी कार्यक्रमों में ले रहे हैं बढ़-चढ़कर हिस्‍सा

वह विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों में भी भाग ले रहे हैं और केंद्रीय मंत्रियों के साथ कार्यकर्ता सम्मेलन कर रहे हैं। वह पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए अतिथि के रूप में विभिन्न खेल आयोजनों में भाग ले रहे हैं। वह नियमित रूप से विभिन्न धार्मिक संस्थानों का दौरा कर रहे हैं। दूसरी ओर अनुगुल और ढेंकनाल के विकास कार्यों के लिए अधिक केंद्रीय अनुदान प्राप्त करने का प्रयास कर रहे है।

23 फरवरी को ढेंकनाल जिले के दौरे पर अमित शाह

पिछले सात महीनों से अविभाजित ढेंकनाल जिले में धर्मेंद्र के दौरे और बैठकों में भाग लेने से यहां से उनकी उम्मीदवारी को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ढेंकनाल दौरे ने चर्चा में घी डालने का काम किया है। वह 23 फरवरी को आएंगे और दोनों जिलों में बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में कार्यकर्ताओं को गुरुमंत्र देंगे। राजनीतिक पर्यवेक्षक गृह मंत्री के बूथ स्तर के कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल होने को आसानी से स्वीकार नहीं कर रहे हैं। बताया जाता है कि इसके पीछे कोई बड़ी योजना जरूर है।

इस नेता ने लिया धर्मेंद्र के लिए सीट छोड़ने का फैसला

पार्टी के वरिष्ठ नेता रुद्र नारायण पाणी दोबारा सांसद के तौर पर चुनाव नहीं लड़ने के संकेत दिए हैं। वह लगातार ढेंकनाल से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां वह भाजपा के सांसद उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वास्थ्य कारणों से फिर से चुनाव नहीं लड़ेंगे। बताया जाता है कि धर्मेंद्र के लिए सीट छोड़ने का फैसला उन्होंने ही लिया था।

चुनाव लड़ने की लिस्‍ट में धर्मेंद्र का नाम हो सकता है शामिल

दूसरी ओर, प्रधानमंत्री ने अपने कैबिनेट सहयोगियों से कहा है कि वे राज्यसभा से मंत्री बने लोगों के लिए लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहें। वर्तमान में राज्यसभा के 18 सदस्य मंत्री हैं, जिनमें से कम से कम 10 को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया है। इस लिस्ट में धर्मेंद्र के नाम की भी चर्चा है। इसके लिए धर्मेंद्र मैदान की तैयारी में जुटे हैं। इस बीच जिले के विभिन्न दलों के नेता धर्मेंद्र से मिलकर भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

तालचेर में सक्रिय हुईं धर्मेंद्र की पत्नी मृदला

धर्मेंद्र की पत्नी मृदला ठाकुर प्रधान पार्टी संगठन बनाने के लिए तालचेर में रह रही हैं। वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श कर भाजपा वोट बैंक बढ़ाने में जुटी हैं इसलिए पार्टी नेता कह रहे हैं कि धर्मेंद्र का बीजेपी के टिकट पर ढेंकनाल से आगामी चुनाव लड़ना तय है। हालांकि धर्मेंद्र ने इससे इनकार नहीं किया, लेकिन दोनों जिलों में उनके दौरे कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा से चर्चा बढ़ जाती है।

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