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सीरिया की जेलों में हर दिन 50 लोग जलाकर मार दिए जाते हैंः अमेरिका

सैयदनाया में सामूहिक तौर पर लोगों को मारा जा रहा है। अब तक कितने लोग मारे गए हैं, इसपर स्टुअर्ट जोन्स ने कोई जानकारी नहीं दी।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Tue, 16 May 2017 02:25 PM (IST)Updated: Tue, 16 May 2017 03:00 PM (IST)
सीरिया की जेलों में हर दिन 50 लोग जलाकर मार दिए जाते हैंः अमेरिका
सीरिया की जेलों में हर दिन 50 लोग जलाकर मार दिए जाते हैंः अमेरिका

वॉशिंगटन, जेएनएन। अमेरिका ने आरोप लगाया है कि सीरिया सरकार अपने विरोधियों की सामूहिक हत्याएं करा रही है। वो लोगों को जेल में बंद करती है और वहीं पर मारकर हर दिन 50 से ज्यादा शवों को जला देती है। ये कुछ कुछ नाजी जर्मनी के यातनागृहों जैसा है, जिसमें द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर के आदेश पर नरसंहार को अंजाम दिया जाता था।

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अमेरिका ने रिपोर्ट्स और तस्वीरों का हवाला देकर ये आरोप लगाया है। अमेरिका का कहना है सीरिया अपने सहयोगियों रूस और ईरान के साथ मिलकर इन हत्याओं को अंजाम दे रहा है। इस अपराध में मॉस्को और तेहरान भी बराबर के साझेदार हैं।

अमेरिका द्वारा जारी तस्वीरें सेटेलाइट से ली गई हैं, जिसमें जेल की छत पर बर्फ गलती दिख रही है। इस जेल में शवदाह की व्यवस्था है और यहां हर दिन सामूहिक हत्याओं के बाद लगभग 50 शव जलाए जा रहे हैं।

सीरिया की सरकार की ओर से साल 2013 में सैयदनाया कॉम्प्लेक्स में ही ये शवदाह गृह बनाया गया है। ईस्टर्न अफेयर्स के स्टेट ब्यूरो डिपार्टमेंट के कार्यवाहक असिस्टेंट सेक्रेटरी स्टुअर्ट जोन्स ने रिपोर्टरों से दमास्कस के उत्तरी ओर बने मिलटिरी जेल के बारे में बताते हुए ये जानकारी दी।

स्टुअर्ट जोन्स ने कहा कि सैयदनाया में सामूहिक तौर पर लोगों को मारा जा रहा है। अब तक कितने लोग मारे गए हैं, इसपर स्टुअर्ट जोन्स ने कोई जानकारी नहीं दी लेकिन एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट की मानें तो साल 2011 से 2015 के बीच इस जेल में करीब 5000 से 11000 लोगों की हत्याएं हुई हैं।

अगर ये आरोप सही हैं, तो ये असद सरकार पर मावनाधिकार के खिलाफ अपराध का मामला बनता है लेकिन एमनेस्टी इंटरनेशनल की ये रिपोर्ट कई महीने पुरानी है और अमेरिका की तरफ से ऐसी कोई इंटेलीजेंस रिपोर्ट नहीं मिला है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट बनाने वाले की मानें तो ये सभी आंकड़े दिसंबर 2015 तक के हैं। पर ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि ऐसी हत्याएं अब रुक चुकी हों। इस पूरे मामले की जांच की जरूरत है।

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