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प्रधानमंत्री मोदी का बेसब्री से इंतजार कर रहा अमेरिका

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता पीटर कुक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले महीने होने वाली यात्रा का अमेरिका बेसब्री से इंतजार कर रहा है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 17 May 2016 08:59 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2016 09:07 PM (IST)
प्रधानमंत्री मोदी का बेसब्री से इंतजार कर रहा अमेरिका

वाशिंगटन, प्रेट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगले महीने होने वाली यात्रा का अमेरिका बेसब्री से इंतजार कर रहा है। वह इसे रक्षा संबंधों को और मजबूती देने और सैन्य सहयोग बढ़ाने के अवसर के तौर पर देख रहा है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता पीटर कुक ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही।

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उन्होंने कहा कि अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर का मानना है कि दोनों देशों के साझा सुरक्षा हित हैं। सैन्य मामलों पर दोनों देशों के बीच सहयोग और बढ़ाने के अवसर अब भी हैं। उन्हें भरोसा है कि दोनों देशों के संबंध भविष्य में और मजबूत होंगे। कुक ने कहा कि कार्टर जून में प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का 'इंतजार कर रहे हैं।'

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उन्होंने कहा कि पिछले महीने अपनी भारत यात्रा के दौरान कार्टर ने मोदी से मुलाकात की थी। अब वह संबंधों को इस यात्रा से आगे बढ़ाना चाहते हैं। वह मोदी की यात्रा को सैन्य मामलों पर अमेरिका और भारत के बीच भविष्य में सहयोग के अवसर के तौर पर देख रहे हैं। कुक ने कहा कि कार्टर उन मजबूत संबंधों को और आगे बढ़ाना चाहते हैं जो उन्होंने मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अपने भारतीय समकक्ष मनोहर पर्रिकर के साथ स्थापित किए हैं।

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चीन की हरकतों से चिंता

पेंटागन ने दक्षिण चीन सागर के महत्वपूर्ण जलमार्ग में चीन की गतिविधियों को भारत और अमेरिका जैसे देशों के लिए चिंता का विषय बताया है। कुक ने कहा कि कार्टर ने पिछले महीने भारत यात्रा के दौरान इस मसले पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भारत के अपने हित हैं और अमेरिका को लगता है कि नई दिल्ली इन मसलों पर अपने लिए बोल सकता है।

भारत, पाक से रिश्ते अपनी-अपनी जगह

पेंटागन ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों को अमेरिका अलग-अलग तौर पर देखता है। यहां किसी एक के बदले दूसरे के साथ रिश्ते बनाने वाली बात नहीं है। कुक ने कहा कि कार्टर ने अपने भारत दौरे के दौरान इस मसले पर रूख साफ कर दिया था। उन्होंने कहा कि पाक के साथ सुरक्षा संबंधों का केंद्र आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई है। वहीं, भारत के साथ जुड़े हुए सुरक्षा हित इससे बिल्कुल अलग हैं।

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