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नया निगरानी उपग्रह छोड़ेगी अमेरिकी वायुसेना

वाशिंगटन। अमेरिका की वायुसेना नए निगरानी उपग्रह प्रक्षेपित करेगी, जो अमेरिकी अंतरिक्ष यानों के संभावित खतरे का मुकाबला करने में मददगार होंगे। वायुसेना दो उपग्रहों को पहली बार काफी उंचाई पर भेज रही है। यह उस कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसे कुछ महीने पहले पूरी तरह गोपनीय रखा गया था। ये उपग्रह डेल्टा-4 रॉकेट के जरिए फ्लोरिडा

By Edited By: Published: Wed, 23 Jul 2014 05:19 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jul 2014 05:34 PM (IST)
नया निगरानी उपग्रह छोड़ेगी अमेरिकी वायुसेना

वाशिंगटन। अमेरिका की वायुसेना नए निगरानी उपग्रह प्रक्षेपित करेगी, जो अमेरिकी अंतरिक्ष यानों के संभावित खतरे का मुकाबला करने में मददगार होंगे।

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वायुसेना दो उपग्रहों को पहली बार काफी उंचाई पर भेज रही है। यह उस कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसे कुछ महीने पहले पूरी तरह गोपनीय रखा गया था। ये उपग्रह डेल्टा-4 रॉकेट के जरिए फ्लोरिडा में केप कैनवेरल वायुसेना स्टेशन से प्रक्षेपित किए जाएंगे। दोनों उपग्रह पृथ्वी से 35,900 किलोमीटर ऊपर कक्षा में स्थापित होंगे जहां अमेरिका के कुछ महत्वपूर्ण उपग्रह भी मौजूद हैं।

अमेरिकी वायुसेना की अंतरिक्ष कमान के प्रमुख विलियम शेल्टन ने बताया कि इनके स्थापित होने से वहां मौजूद हमारी पहले की संपत्तियों [अंतरिक्षयान] की सुरक्षा में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि नए उपग्रहों से अमेरिकी सेना को विरोधियों से मिलने वाली धमकियों की जांच करने और ऊंची कक्षाओं में स्थापित नए ग्रहों को जानने में मदद मिलेगी।

अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और खुफिया विभाग का मानना है कि चीन की अतंरिक्ष में बढ़ती सक्रियता के चलते अमेरिका के लिए नए उपग्रह का प्रक्षेपण अनिवार्य हो गया है।

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