दक्षिण चीन सागर पर कड़ा बयान जारी नहीं कर पा रहे पीड़ित देश
शनिवार को सम्मेलन के पहले ही दिन दक्षिण चीन सागर की स्थिति पर विचार हुआ।
मनीला, एएफपी। दक्षिण चीन सागर में चीन के विस्तारवादी रुख से उसके सभी पड़ोसी देश परेशान हैं लेकिन समझ नहीं पा रहे कि वे कैसे मुकाबला करें। इसी कारण आसियान (दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की एसोसिएशन) के दस सदस्य देश चीन के रुख के खिलाफ कोई संयुक्त बयान जारी नहीं कर पाए। 27 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में दक्षिण चीन सागर में चीन की विस्तारवादी नीति भी विचार का अहम मुद्दा है।
शनिवार को सम्मेलन के पहले ही दिन दक्षिण चीन सागर की स्थिति पर विचार हुआ। शाम को एक संयुक्त बयान भी जारी होना था लेकिन उसके मसौदे पर सहमति नहीं बन पाई। रविवार सुबह विचार-विमर्श के बाद संयुक्त बयान जारी करने का कार्यक्रम बना लेकिन दोपहर तक सदस्य देशों में सहमति नहीं बन पाई। रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण जल क्षेत्र पर दावा करने वाले वियतनाम ने संयुक्त बयान में चीनी अतिक्रमण पर कठोर भाषा का इस्तेमाल करने की बात कही तो चीन के मजबूत सहयोगी कंबोडिया ने उस पर आपत्ति जता दी।
बैठक में शामिल एक राजनयिक के अनुसार वियतनाम अपने रुख पर अड़ा हुआ है जबकि कंबोडिया चीन के हितों की पैरोकारी कर रहा है। जबकि फिलीपींस फायदा उठाने वाले बिचौलिये के रूप में अपनी भूमिका अदा कर रहा है। उल्लेखनीय आसियान के सदस्य देश वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया और ब्रूनेई इस समय अपनी जल सीमा के अधिग्रहण का खतरा झेल रहे हैं। चीन दक्षिण चीन सागर के ज्यादातर हिस्से पर अपना अधिकार बताता है। इस दावे के साथ ही उसने कई महत्वपूर्ण स्थानों पर कृत्रिम द्वीप बनाकर वहां अपनी सेना तैनात कर दी है।
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