पाक में आतंकी हमलों से वकीलों का फूटा गुस्सा, कामकाज रोका
एक दिन पहले खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की एक अदालत के बाहर हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी।
पेशावर, प्रेट्र। आतंकी हमलों से नाराज वकीलों ने बुधवार को उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में अदालत के कामकाज का बहिष्कार किया। एक दिन पहले खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की एक अदालत के बाहर हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी। पेशावर हाईकोर्ट के महासचिव यूसुफ अली खान ने बताया कि न्यायापालिका पर बढ़ते आतंकी हमलों और अदालत परिसर की सुरक्षा कड़ी करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के मकसद से एक दिन की हड़ताल का आह्वान किया गया था।
उन्होंने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार से हमारी केवल एक मांग है कि वह अदालतों को और सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाए। खान ने स्वीकार किया कि कोई भी आत्मघाती हमलावर को नहीं रोक सकता, लेकिन सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत करने से घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियां खुफिया जानकारियों पर बेहतरीन तरीके से समन्वय कर ऐसे हमलों पर अंकुश लगा सकती है।
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गौरतलब है कि मंगलवार को भारी हथियारों से लैस आतंकियों ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के चारसद्दा जिले स्थित तांगी सत्र अदालत परिसर में दाखिल होने की कोशिश की थी। सुरक्षा बलों ने दो हमलावरों को मार गिराया था, जबकि एक ने खुद को उड़ा लिया था।
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पाकिस्तान तालिबान के धड़े जमात-उल-अहरार ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। पाकिस्तान में बीते कुछ दिनों में आतंकी हमलों में 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। सबसे बड़ा हमला बीते गुरुवार को हुआ था जब आत्मघाती हमलावर ने सिंध प्रांत में सूफी संत बाबा शहबाज कलंदर की दरगाह पर खुद को उड़ा लिया था। धमाके में 88 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद से सेना आतंकियों के खिलाफ देशव्यापी अभियान चला रही है और अब तक 130 से ज्यादा आतंकियों को ढेर करने का दावा कर चुकी है।