पाक के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी
वर्ष 2007 में जजों को गैरकानूनी रूप से बंधक बनाने के मामले में पाक कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल (रिटायर्ड) परवेज मुशर्रफ के खिलाफ पाकिस्तान की एक अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। यह वारंट मुशर्रफ द्वारा वर्ष 2007 में राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए सभी जजाें को बंधक बनाने के मामले में जारी किया गया है। कोर्ट ने यह वारंट उनके बार बार बुलाने पर भी कोर्ट में पेश न होने के मद्देनजर जारी किया है। गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति के ऊपर से कोर्ट द्वारा विदेश यात्रा न करने का आदेश रद करने के बाद वह अपने इलाज के लिए दुबई चले गए थे और आतंकरोधक अदालत में उपस्थित नहीं हुए थे।
एटीसी के जज सोहेल इकराम ने मुशर्रफ के कोर्ट में पेश न होने पर नाखुशी का इजहार करते हुए कहा कि उन्हें विदेश जाने से पहले कोर्ट से इसकी इजाजत लेनी चाहिए थी। कोर्ट ने इस बाबत मुशर्रफ के वकील के दिए तथ्यों को सिरे से खारिज कर दिया। उनके वकील का कहना था कि सरकार ने उन्हें इसकी इजाजत दी थी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही वह देश से बाहर भी गए। वर्ष 2007 में मुशर्रफ ने देश में आपातकाल लगाते हुए सभी जजाें को बंधन बना लिया था। इसके बाद ही कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
विदेश जाने की इजाजत मिलने के बाद मुशर्रफ ने देश छोड़ा
परवेज मुशर्रफ की तबीयत बिगड़ी, आइसीयू में भर्ती
गौरतलब है कि पहले भी कई बार कोर्ट ने उन्हें पेश होने के लिए आदेश दिए थे लेकिन हर बार वह इससे बचते रहे। इसके लिए कई बार उन्होंने खराब सेहत का भी हवाला दिया, जिस पर आज कोर्ट ने नाखुशी का इजहार किया। इससे पहले भी इसी अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था लेकिन मुशर्रफ के कोर्ट मूें पेशी के बाद इसको रद कर दिया गया था। इस दौरान उन्होंने खराब सेहत का हवाला देते हुए जरूरी दस्तावेज भी कोर्ट के समक्ष पेश किए थे।
परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान पर नवाज शरीफ को सत्ता से बेदखल करने के बाद वर्ष 1999 में सत्ता संभाली थी। वह देश के राष्ट्रपति के पद पर वर्ष 2008 तक रहे। इसके बाद वह देश छोड़कर लंदन और फिर दुबई चले गए थे। वहां से वह वर्ष 2013 में देश में हुए आम चुनाव के दौरान ही लौटे थे। उनके खिलाफ कई अहम मामले फिलहाल पाकिस्तान की कोर्ट में निलंबित हैं।