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शर्मनाक ! अफवाह के कारण भीड़ ने महिला को पीटा, नग्न कर सड़कों पर घुुमाया

मिस्त्र की राजधानी काहिरा में एक बुजुर्ग महिला को उपद्रवियों की भीड़ ने न सिर्फ बर्बरता से पीटा बल्कि उसे नग्न कर सड़कों पर भी घुुमाया।

By anand rajEdited By: Published: Fri, 27 May 2016 07:41 AM (IST)Updated: Fri, 27 May 2016 08:10 AM (IST)
शर्मनाक ! अफवाह के कारण भीड़ ने महिला को पीटा, नग्न कर सड़कों पर घुुमाया

काहिरा। मिस्त्र की राजधानी काहिरा में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां भीड़ ने न सिर्फ एक बुजुर्ग महिला की बर्बरता से पिटाई की बल्कि उसके कपड़े भी फाड़ दिये गए। इतना ही नहीं उपद्रवियों ने 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला को नग्न कर सड़कों पर भी घूमाया गया। उपद्रवियों ने ईसाई परिवारों के करीब 7 घरों को भी फूंक दिया।

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आरटी की खबर के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि करीब 300 उपद्रवी युवकों नेे दक्षिणी मिस्त्र के एक गांव में यह बर्बर सलूक किया। फिलहाल पुलिस ने 6 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि 12 की तलाश जारी है।

अफवाह के बाद हुई हिंसा

कॉप्टिक चर्च के मुताबिक एक ईसाई युवक द्वारा मुस्लिम महिला से संबंध रखने की अफवाह उड़ने के बाद हिंसा का यह तांडव हुआ। चर्च के मुताबिक यह मामला 20 मई को रात 8 बजे का है, पुलिस ने करीब दो घंटे बाद प्रतिक्रिया दी, तब तक घटना को अंजाम देने वाले अराजक तत्व भाग चुके थे। खबरों के मुताबिक जिस महिला को अर्धनग्न कर सड़क पर घुमाया गया, वह उस व्यक्ति की मां थी, जिसके साथ मुस्लिम महिला का अफेयर होने की अफवाह उड़ाई जा रही थी। घटना के बाद पीड़ित महिला ने चर्च के लीडर्स से मुलाकात की और घटना की पूरी जानकारी दी।

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काहिरा से दक्षिण में स्थित सूबे में हुई यह हिंसा दोनों समुदायों के बीच तनाव का परिचायक है। मुस्लिम बहुल देश में ईसाईयों और मुसलमानों के बीच विवाहेतर संबंधों को हराम माना जाता है। कॉप्टिक चर्च ने इस घटना को अनफेयर ट्रीटमेंट करार दिया है। मिस्त्र में ईसाइयों की आबादी महज 10 पर्सेंट है।

पुलिस पर उठे सवाल

मकारोइस ने कहा कि पुलिस को पहले ही बता दिया गया था कि ईसाई परिवारों को गांव वालों की तरफ से धमकियां मिल रही हैं। लेकिन उन्होंने कोई कदम उठाने की बजाय उपद्रवियों को पूरा मौका दिया। उन्होंने कहा, 'हमारे बचाव के लिए किसी ने कुछ नहीं किया और पुलिस ने भी पहले से कोई कदम नहीं उठाए। हम जंगल या जनजातीय समाज में नहीं रह रहे हैं। यह पूरी तरह गलत है कि कोई भी अपने आप को जज, पुलिस या शासक घोषित कर दे और इस तरह का बर्ताव करे।'

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