Move to Jagran APP

उइगर मुस्लिमों के खिलाफ चीनी सरकार ने उठाया अब ये कदम

यह उइगर मुस्लिम आबादी पर चीन की कम्युनिस्ट सरकार की तरफ से लागू नई व्यवस्था है। शिनजियांग प्रांत को खुली जेल बना दिया है।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Thu, 13 Jul 2017 03:52 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jul 2017 03:59 PM (IST)
उइगर मुस्लिमों के खिलाफ चीनी सरकार ने उठाया अब ये कदम
उइगर मुस्लिमों के खिलाफ चीनी सरकार ने उठाया अब ये कदम

काशगर, एएफपी। चीन के पश्चिमी शहर काशगर में अब मुस्लिमों को मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए जाने से पहले मेटल डिटेक्टर के सामने से गुजरना होगा। यह शिनजियांग प्रांत की उइगर मुस्लिम आबादी पर चीन की कम्युनिस्ट सरकार की तरफ से लागू नई व्यवस्था है। इससे पहले इस मुस्लिम बहुल प्रांत में दाढ़ी रखने और खुले में नमाज पढ़ने पर रोक है।

loksabha election banner

कुछ साल पहले तक काशगर की सेंट्रल मस्जिद के बाहर का चौक भी नमाजियों से भरा होता था। ईद के मौके पर मुस्लिम एकत्रित होकर यहां नमाज पढ़ा करते थे, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। इस बार ईद के मौके पर हॉल के बाहर एक भी आदमी दिखाई नहीं दिया। मस्जिद में नमाज के लिए दशकों बाद सबसे कम भीड़ आई। पता चला कि प्रशासन की ओर से मस्जिद आने वाले रास्ते पर कई जगह चेक प्वाइंट बना दिये गए थे।

वहां पर आने वालों को रोककर तलाशी ली जा रही थी और कई सवाल पूछे जा रहे थे। उनके वाहन भी खड़े कराए जा रहे थे। इससे परेशान होकर लोगों ने मस्जिद न आना ही बेहतर समझा। इस बारे में जब काशगर के प्रशासन से बात की गई तो किसी अधिकारी ने कुछ नहीं कहा।

शहर के एक व्यापारी ने कहा कि यह शहर अब धार्मिक गतिविधियों के लिए अच्छा नहीं रहा। चीन सरकार कहती है कि ऐसे कड़े इंतजाम इस्लामी कट्टरपन को रोकने और अलगाववाद को ताकत न मिलने देने के लिए किये जा रहे हैं। लेकिन विश्लेषक मानते हैं कि उइगर बहुल शिनजियांग प्रांत अब खुली जेल की तरह हो गया है। यहां पर लोग रहते घरों में हैं और खुले आकाश के नीचे सांस लेते हैं लेकिन उन्हें हर काम पुलिस और सुरक्षा बलों की बंदिशों के बीच करना होता है।

ऑस्ट्रेलिया की ला ट्रोब यूनिवर्सिटी के चीन मामलों के विशेषज्ञ जेम्स लीबोल्ड कहते हैं कि चीन अप्रत्याशित ढंग से शिनजियांग में पुलिस राज चला रहा है। चीन सरकार ने प्रांत में कड़ाई की शुरुआत सन 2009 में उरुमकी शहर में हुए दंगों के बाद की जिसमें 200 लोग मारे गए थे।

यह भी पढ़ें: चीन पर कैंसर पीडि़त लियू शियाबो को रिहा करने का बढ़ा दबाव


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.