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इस्लामी आतंक की नई लहर से खौफ, खलीफा बना बगदादी

आइएसआइएस के आतंकियों ने अपने कब्जे वाले सीरिया और इराक के इलाके को अलग इस्लामिक राष्ट्र बनाने की घोषणा की है। उन्होंने अपने नेता बगदादी को नए इस्लामी राष्ट्र का खलीफा नियुक्त किया है। आतंकियों ने पूरी दुनिया के मुस्लिमों को अपने खलीफा के प्रति निष्ठावान रहने का फरमान सुनाया है। स्वयं को सार्वभौमिक सत्ता बताते हुए नेता अ

By Edited By: Published: Tue, 01 Jul 2014 08:29 AM (IST)Updated: Tue, 01 Jul 2014 12:16 PM (IST)
इस्लामी आतंक की नई लहर से खौफ, खलीफा बना बगदादी

बगदाद। आइएसआइएस के आतंकियों ने अपने कब्जे वाले सीरिया और इराक के इलाके को अलग इस्लामिक राष्ट्र बनाने की घोषणा की है। उन्होंने अपने नेता बगदादी को नए इस्लामी राष्ट्र का खलीफा नियुक्त किया है। आतंकियों ने पूरी दुनिया के मुस्लिमों को अपने खलीफा के प्रति निष्ठावान रहने का फरमान सुनाया है। स्वयं को सार्वभौमिक सत्ता बताते हुए नेता अबु बकर अल-बगदादी को मुस्लिम आबादी का नया खलीफा घोषित करने के साथ ही आइएसआइएस ने अपने नाम को आइएस (इस्लामिक राष्ट्र) करने का ऐलान भी किया। आतंकी समूह के प्रवक्ता अबु मोहम्मद अल-अदनानी ने कहा, 'अब वे दुनिया के सभी मुसलमानों के इमाम और खलीफा होंगे।'

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रमजान के मौके पर की गई आइएस की इस घोषणा को स्थानीय और वैश्रि्वक ताकतों के लिए नई चुनौती माना जा रहा है। आतंकियों का यह कदम औपनिवेशक ताकतों द्वारा बनाई गई अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को मिटाने के लक्ष्य से उठाया गया है। यह अल कायदा के वैश्रि्वक नेतृत्व और खाड़ी देशों के उन सुन्नी शासकों के लिए भी खुली चुनौती है जो कि समूह को अपने लिए खतरा मानते हैं। इस बीच, इराकी सेना ने तिकरित पर फिर से नियंत्रण की कोशिश में हमले तेज कर दिए हैं। इराकी सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की अपील की है। इराक ने पड़ोसी सुन्नी शासकों, विशेषतौर पर सऊदी अरब पर आतंकियों का साथ देने का भी आरोप लगाया है। इराक के सैन्य प्रवक्ता कासिम अत्ता ने कहा कि आतंकियों की यह घोषणा सिर्फ इराक या सीरिया के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए है। पूरी दुनिया के देशों को अपने नजरिये को बदलने की जरूरत है।

क्या है खिलाफतखिलाफत का मतलब है एक ऐसा इस्लामी शासन जो सभी शक्तियों से लैस राजनीतिक-धार्मिक नेता यानी खलीफा द्वारा शासित हो। खलीफा को मुहम्मद साहब के प्रतिनिधि और सभी मुसलमानों के नेता के तौर पर देखा जाता है। आखिरी खिलाफत शासन तुर्की में था, जिसे 1924 में कमाल अतातुर्क ने खत्म किया था।

खतरनाक बन रहा है डच इस्लामी समूहएम्स्टर्डम: डच खुफिया सेवा ने चेतावनी दी है कि नीदरलैंड का उग्र इस्लामी समूह लगातार पकड़ से बाहर हो रहा है और भविष्य में यह सीरिया और मध्य पूर्व के टकराव की ओर अपना ध्यान लगा सकता है। डच अधिकारियों का अनुमान है कि 120 डच नागरिक अब तक सीरिया के गृह युद्ध में भाग लेने के लिए देश छोड़कर जा चुके हैं। उनका कहना है कि नीदरलैंड में सैकड़ों की तादाद में ऐसे विद्रोही और आतंकियों से सहानुभूति रखने वाले लोग हैं।

देखें वीडियो: क्या कहा अल बगदादी ने

पढ़े : इराक से भारतीयों का व्यापक निकासी अभियान शुरू


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