आइएस की एक साथ 50 करोड़ लोगों को मारने की साजिश
आइएस के साथ 10 दिन बिताकर लौटे जर्मन पत्रकार ने दावा किया है कि आतंकी गुट 50 करोड़ लोगों को एक साथ मारने की तैयारी में है। इसे अंजाम देने के लिए वह परमाणु हमले की साजिश बना रहा है। पत्रकार जर्गन टोडेनहॉफर ने 'इनसाइड आइएस-10 डेज इन द इस्लामिक
मोसुल [इराक]। आइएस के साथ 10 दिन बिताकर लौटे जर्मन पत्रकार ने दावा किया है कि आतंकी गुट 50 करोड़ लोगों को एक साथ मारने की तैयारी में है। इसे अंजाम देने के लिए वह परमाणु हमले की साजिश बना रहा है। पत्रकार जर्गन टोडेनहॉफर ने 'इनसाइड आइएस-10 डेज इन द इस्लामिक स्टेट' नामक अपनी किताब में यह जानकारी दी।
75 साल के पत्रकार ने कहा आतंकी पश्चिमी देशों के हर आदमी को खत्म कर देना चाहते हैं और पूरी दुनिया पर इस्लामी शासन कायम करना चाहते हैं। जुर्गन को आइएस ने अपने ठिकानों पर वक्त बिताने की मंजूरी इसलिए दी थी क्योंकि वे काफी वक्त तक अमेरिका की मध्य पूर्व नीति की आलोचना करते रहे हैं। पत्रकार के मुताबिक, आतंकी खास तौर पर पश्चिमी देशों के खिलाफ 'परमाणु सुनामी' लाना चाहते हैं। जो भी देश आइएस के विरोध में है, वह इस्लामिक स्टेट के निशाने पर है।
इस पत्रकार ने अपनी किताब में लिखा है कि वे कई महीने तक आतंकी गुट से स्काइप पर संपर्क में रहे, जिसके बाद उन्हें आइएस के इलाके में जाने की मंजूरी मिली। आइएस के प्रभाव वाले क्षेत्र में पहुंचने के बाद उनके और उनके बेटे के मोबाइल फोन जमा करा लिए गए।
पढ़ेंः बांग्लादेश में आइएस ने की इतालवी की हत्या
उन्होंने एक अखबार से बातचीत में बताया कि 'वहां लोग बैरकों, गुफाओं और बम से तबाह घरों में रहते हैं। मैं फर्श पर सोता था। मैं खुशकिस्मत था कि मुझे सोने के लिए प्लास्टिक की चटाई दी गई थी। मेरे पास मेरा सूटकेस, बैकपैक और स्लीपिंग बैग भी था।' पत्रकार का कहना है कि आइएस सिर कलम करने वाले वीडियो जारी करके आबादी वाले इलाकों में अपना डर फैलाता है। इस डर की वजह से उन्हें आसपास के इलाकों पर कब्जा करने में आसानी हो जाती है। उनका कहना है कि उन्होंने आज तक जिन आतंकी गुटरें को जाना है, उनमें आइएस सबसे निकृष्ट है। उन्हें रोकने की क्षमता हर किसी में नहीं। सिर्फ अरब के लोग ही उन्हें रोक सकते हैं। इस गुट के खतरों को पश्चिमी देश कम आंक रहे हैं। आतंकियों को इस बात का पूरा भरोसा है कि वे यह जंग जीतकर रहेंगे और कम से कम 50 करोड़ लोगों का खात्मा करके रहेंगे। आतंकी यह सब कुछ धार्मिक साफ-सफाई के नाम पर अंजाम देना चाहते हैं। उनका मानना है कि इस्लाम को न मानने वाला हर आदमी काफिर है और उसे मार डाला जाना चाहिए। वे इस्लाम में भरोसा नहीं करने वाले हर किसी को खत्म कर देना चाहते हैं। वह सभी महिलाओं और बच्चों को गुलाम बना लेना चाहते हैं। सभी शियाओं, यजीदी, हिंदुओं और नास्तिकों को खत्म कर देना चाहते हैं।
उनका यह भी मानना है कि लोकतंत्र की हिमायत करने वाले मुस्लिमों को भी मार डालना चाहिए क्योंकि ऐसे मुसलमान खुदा के नियमों के आगे इंसान के नियमों को तरजीह दे रहे हैं।
पढ़ेंः IB का खुलासा, ISIS के आतंकी दिल्ली पर कर सकते हैं हमला