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चीनी मीडिया के बाेल- चाबहार बंदरगाह से चीन को भी होगा लाभ

भारत और ईरान के बीच चाबहार को लेकर हुए समझौतेे पर चीनी मीडिया का कहना है कि इससे चीन को भी फायदा होगा। ग्‍लोबल टाइम्‍स का कहना है कि चीन और भारत को इस मुद्दे पर फंसना नहीं चाहिए।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 28 May 2016 08:46 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2016 09:30 PM (IST)

बीजिंग (प्रेट्र)। भारत और ईरान के बीच रणनीतिक चाबहार बंदरगाह विकास समझौते को लेकर चीन के पास ईर्ष्या करने का कोई कारण मौजूद नहीं है। इसका कारण यह है कि मध्य एशिया में बुनियादी ढांचे में होने वाला सुधार चीन के फर्मो को भी अवसर मुहैया कराएगा। चीन की सरकारी मीडिया ने यह विचार व्यक्त किया है।

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सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की वेबसाइट में दिए गए एक लेख में कहा गया है, 'भारत के साथ चीन रणनीतिक विवाद में नहीं फंसना चाहेगा। यह साफ है कि मध्य एशिया में बुनियादी ढांचे में सुधार चीन की बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भी अवसर मुहैया कराने वाला होगा। इसलिए भारत और ईरान के बीच हुए समझौते से चीन को ईष्र्या नहीं होगी।'

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लेखक ने कहा है कि चीन और भारत दोनों देश एशिया में बुनियादी ढांचा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। असल में प्रस्तावित एशियाई बुनियादी विकास बैंक के माध्यम से दोनों देशों ने एकदूसरे का सहयोग लेना शुरू कर दिया है।

भारत और ईरान फारस की खाड़ी के समीप आधुनिक बंदरगाह विकसित करने पर सहमत हुए हैं। बंदरगाह के साथ ही साथ सड़क और रेल संपर्क को भी विकासित किया जाएगा। इस बंदरगाह के विकसित होने से नई दिल्ली को पाकिस्तान से दूरी बनाते हुए दक्षिण और मध्य एशिया के साथ व्यापार मजबूत करने का अवसर हासिल होगा।

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लेखक ने कहा है कि चीन के साथ मिलकर पाकिस्तान दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में गहरे पानी में ग्वादर बंदरगाह विकसित करने में जुटा है। इस बंदरगाह से चीन के तेल आयात की दूरी कम होगी और चीन और मध्य एवं दक्षिण एशिया के बीच नया व्यापार मार्ग खुलेगा।गुमनामी में जी रही उत्तर कोरिया के तानाशाह किम की मौसी

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