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सावधान! आपका बुरा समय शुरू होने में कुछ वक्‍त ही बाकी है

यदि कुछ उपाय करके अपने आने वाले बुरे समय को रोका जा सकता है तो करने में कोई बुराई नहीं है। लेकिन यदि ऐसा नहीं किया तो आने वाला समय आपके लिए बहुत बुरा हो सकता है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 28 May 2016 02:40 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2016 09:39 PM (IST)
सावधान! आपका बुरा समय शुरू होने में कुछ वक्‍त ही बाकी है

नई दिल्ली (जेएनएन)। दुनिया का कोई भी व्यक्ति अपने आगे बुरा वक्त आने से नहीं रोक सकता है। लाख कोशिशों के बाद भी दुनिया के बड़े से बड़े वैज्ञानिक इसमें नाकाम रहे हैं। आप इन सभी बातों से हैरत में जरूर पड़ गए होंगे। दरअसल यह चिंता का विषय है भी। दुनिया का तापमान जिस तेजी से बढ़ रहा है उसेे देखते हुए यह कहना कहीं गलत नहीं हाेगा कि हमारा और आपका बुरा समय आने वाला है।

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धरती के बढ़ते तापमान की वजह से ग्लेशियर पिघल रहे हैं। जिन पहाड़ों पर कभी बर्फ दिखाई देती थी वहां अब सब कुछ उजाड़ दिखाई देता है। नदियां, तालाब और ग्लेशियर सभी कुछ सिकुड़ रहा है। जिस तेजी के साथ पेड़ों की कटाई चल रही है और कंकरीट के जंगल बन रहे हैं उस तेजी से ही हमारी लाइफ कम होती जा रही है।

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वैज्ञानिकों के मुताबिक आने वाले समय में धरती इस कदर बदल जाएगी जिसकी अापने कल्पना भी नहीं की होगी। समुद्र का स्तर इस कदर बढ़ जाएगा कि कुछ इलाके और कुछ छोटे राज्य इसमें जलमग्न हो जाएंगे। वहीं ग्लेशियर नाम मात्र को ही रह जाएंगे। यह नुकसान कितने खरब का होगा इसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकेगा।एफ 16 लड़ाकू विमान सौदे के लिए धनराशि नहीं जुटा सका पाक

वैज्ञानिकों के मुताबिक आने वाले समय में धरती का तापमान 2.5 से 10 डिग्री फारनहाइट तक बढ़ जाएगा। ग्रीन हाउस गैस के प्रभाव से धरती के ऊपर बनी ओजोन की परत और फट जाएगी। इसके चलते धरती पर पड़ने वाली पराबैंगनी किरणों के दुष्प्रभाव से कोई नहीं बच सकेगा। यह बात हम नहीं बल्कि दुनियाभर के करीब 1300 वैज्ञानिकों की संस्था इंटरगवरमेंटल पेनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) ने कहा है। आईपीसी के मुताबिक धरती के बदलते तापमान का असर हर जगह एक समान न होकर अलग-अलग होगा।

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हालांकि कुछ छोटे-छोटे उपाय कर इस आने वाले बुरे समय को रोका जा सकता है। इसके लिए हमें पुराने लोगों और पुराने वक्त से बहुत कुछ सीखना होगा। पानी का दुरुपयोग कम करना होगा। ग्रीन हाउस प्रभाव को रोकने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा और कुछ चीजों के लिए पारंपरिक तरीके अपनाने होंगे।


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