भारतीय मूल की महिला के सवालों से चौंके व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव स्पाइसर
भारतीय मूल की एक अमेरिकी महिला ने व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव से एक आईफोन स्टोर में ऐसे सवाल पूछ डाले जिसको सुनकर पहली बार में वह चौंक गए।
वाशिंगटन (एएनआई)। भारतीय मूल की एक अमेरिकी महिला ने एप्पल स्टोर पर व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर से वो सवाल पूछ डाले जिसका उन्हें कभी अंदेशा भी नहीं था। सवाल पूछने वाली महिला का नाम श्री चौहान है। वह करीब एक दशक से भी ज्यादा समय से वाशिंगटन डीसी में रह रही हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी और अमेरिकन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। अमेरिका में नई सरकार के बनने के बाद लिए गए निर्णय और हाल ही भारतीय पर हुए नस्लीय हमले से नाराज श्री चौहान ने सीन से एक साथ कई सवाल पूछ डाले। इतना ही नहीं उन्होंने इसका एक वीडियो बनाकर सोशल साइट पर डाल दिया जिसमें उनके सवालों से अचंभित सीन के चेहरे के बदलते भाव भी दिखाई दे रहे हैं। अब वीडियो वायरल हो गया है।
पूछे कई चौंकाने वाले सवाल
उन्होंने सीन से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर इशारा करते हुए बार-बार पूछा कि उन्हें एक फासीवादी के लिए काम करना कैसा लगता है? श्री चौहान ने सीन से यह भी पूछा कि देश को बर्बाद करने के बारे में आप क्या सोचते हैं? चौहान ने स्पाइसर से रूस के बारे में भी सवाल पूछे और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर देशद्रोह करने का आरोप लगाया। श्री चौहान के वीडियो में स्पाइसर यह कहते हुए सुने जा रहे हैं कि अमेरिका इतना महान देश है कि वह आपको यहां रहने की अनुमति देता है।
चौहान ने बताई नस्लीय टिप्पणी
चौहान इस टिप्पणी को नस्लीय टिप्पणी बताती हैं। उन्होंने कहा कि यह नस्लवाद है और एक तरह की धमकी है। जरा श्रीमान स्पाइसर के उस दुस्साहस के बारे में सोचिए कि वह यह जानने के बावजूद कि यह सब वीडियो पर रिकॉर्ड हो रहा है और यह जानने के बावजूद कि वह हमारी सरकार में एक ताकतवर पद पर आसीन हैं, उन्होंने मेरे मुंह पर मुस्कुराते हुए यह बात कह दी। इस वीडियाे के वायरल होने के बाद जब पर प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सवाल किया गया तो स्पाइसर ने कहा कि अमेरिका एक आजाद देश है और लोग अपनी मर्जी से जो करना चाहें, उन्हें वह करने का अधिकार है।
My take on what happened yesterday. And my first @Medium post! https://t.co/sbLzJ1rkXC— Shree ✊🏾❤️🇺🇸 (@shreec) March 13, 2017
आईफोन सेंटर में हुई मुलाकात
सोशल मीडिया पर श्री चौहान की विभिन्न पोस्टों के अनुसार वह इस स्टोर में आईफोन ठीक करवाने गई थीं। तभी उन्हें वहां स्पाइसर मिल गए। एक वेबसाइट पर डाली गई पोस्ट में श्री चौहान ने लिखा है कि सीन को वहां देखकर उन्हें लगा कि यह उनके लिए सुनहरा अवसर है कि जब वह उनसे अपने सवालों का जवाब ले सकती है। वह भी तब जब उनके साथ सिक्योरिटी नहीं है, जो अक्सर देखने को नहीं मिलता है। उन्होंने लिखा है कि वह शुरुआत में इसको लेकर काफी घबराई हुई थीं और उनसे कई तीखे सवाल पूछना चाहती थीं, लेकिन वक्त कम था जिसके चलते वह ऐसा नहीं कर सकीं। वीडियो में वह सीन से सवाल पूछती नजर आ रही हैं कि क्या आपने रूस की मदद की है? क्या आपने राष्ट्रपति की तरह, कभी देशद्रोह भी किया है?
रूस के बारे में भी पूछे सवाल
आप मुझे रूस के बारे में क्या बता सकते हैं? और सीन, आप अपने देश को तबाह करने के बारे में क्या सोचते हैं?’’ श्री ने कहा कि वह लगभग एक दशक से वाशिंगटन डीसी में रह रही हैं और इस दौरान वह सार्वजनिक स्थलों पर कई अति विशिष्ट लोगों से मिली हैं लेकिन कभी उनसे बात नहीं की। उन्होंने कहा कि हालांकि, जो कुछ स्पाइसर और उनके बॉस (डोनाल्ड ट्रंप) इस देश में कर रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि वे इन शर्तों और परंपराओं के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रंप और उनके साथी कानून, हमारे संविधान और लोकतंत्र की खुले तौर पर धज्जियां उड़ा रहे हैं। व्हाइट हाउस में दैनिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने इस बाबत उठे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यदि लोगों के पास सवाल हैं तो उन्हें उनसे सवाल पूछने चाहिए।
शालीनता से दिए सीन ने जवाब
श्री चौहान द्वारा लगातार सवाल पूछने पर सीन का कहना था कि जो पूछना चाहती हैं पूछ लें, वह दिनभर लोगों से बात करते हैं और उनके सवालों के जवाब देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि करीब 99 प्रतिशत लोगों से बात करना अच्छा रहता है। इनमें वे लोग भी होते हैं, जो हमारी सोच, कार्यक्रम आदि से सहमत नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि यह एक आजाद देश है और इसकी खूबसूरती इस बात में है कि लोग अपनी मर्जी से काम कर सकते हैं फिर चाहे उसे किसी भी तरह से समझा जाए। वहीं ट्रंप के प्रचार अभियान के एक शीर्ष भारतीय-अमेरिकी दानदाता ने महिला के बर्ताव को घटिया बताया है। श्री चौहान ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि उनके सवाल के जवाब में स्पाइसर की ओर से कही गई बात उनकी नागरिकता के लिए दी गई धमकी थी।
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