पाकिस्तान सीमा पर इजरायल की तरह तारबंदी पर विचार
सीमा पार से हो रही लगातार घुसपैठ और आए दिन के आतंकवादी हमलों को देखते हुए पाकिस्तान से लगती सीमा पर इजरायल की तर्ज पर तारबंदी संभावना तलाशी जा रही है।
नई दिल्ली। सीमा पार से हो रही लगातार घुसपैठ और आए दिन के आतंकवादी हमलों को देखते हुए पाकिस्तान से लगती सीमा पर इजरायल की तर्ज पर तारबंदी संभावना तलाशी जा रही है। पंजाब और जम्मू से लगती संवेदनशील सीमा पर ठोस उपाय करने पर सरकार विचार कर रही है।
हाल ही में पठानकोट वायुसेना अड्डे पर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों के हमले के बाद भारत-पाक सीमा से घुसपैठ पर रोक लगाना जरूरी हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सहित वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ हुई कई बैठकों में इस मुद्दे पर चर्चा हुई है।
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नवंबर 2014 में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गाजा में सीमा चौकियों का दौरा किया था और वहां सीमा सुरक्षा प्रणाली में इजरायली तकनीक के प्रयोग से गहरे प्रभावित हुए थे। दिन में दूर तक की तस्वीर लेने में सक्षम कैमरे के साथ रात में निगरानी के लिए तीसरी पीढ़ी के थर्मल इमेजर्स की तैनाती से गृह मंत्री प्रभावित हुए थे।
क्या है इजरायल सीमा पर : इजरायल के पास दुनिया की बेहतरीन सीमा सुरक्षा प्रणाली है। सीमा की सुरक्षा में वह मनुष्य से ज्यादा तकनीक पर ज्यादा आश्रित है। वेस्ट बैंक, गाजा और मिस्र के साथ लगती इजरायल सीमा पर तारबंदी है। यह स्टील की जाली में मिला हुआ, ऊपर की ओर उठा हुआ और रेजर की तरह धारदार है। जमीन के दो मीटर भीतर से की गई तारबंदी को कुछ हिस्सों में जमीन से सात मीटर ऊपर तक लाया गया है। तारों के बीच से बिजली दौड़ती है, अलार्म इस तरह से लगाए गए हैं कि सुरक्षा गार्ड यह समझ जाएंगे कि घुसपैठ कहां से हो रही है।
पठानकोट जैसे अभियान में एनएसजी सबसे उपयुक्त
नई दिल्ली : पठानकोट में वायुसेना अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले में सेना के दस्ते की जगह एनएसजी कमांडो भेजने के सरकार के फैसले पर उठे सवालों का इस बल के प्रमुख ने ठोस जवाब दिया है। एनएसजी के महानिदेशक आरसी तायल ने रविवार को कहा कि इस तरह के अभियान के लिए ब्लैक कैट सबसे उपयुक्त विशेष बल है।
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