TPP पर ट्रंप के बयान को जर्मनी ने बताया हैरान करने वाला
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनके लिए अमेरिका का हित सर्वोपरि है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वीडियो संदेश से ओवल ऑफिस में अपने पहले दिन का एजेंडा लोगों के सामने रखा है। ट्रंप ने कहा कि पद संभालने के पहले दिन अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े व्यापार समझौते ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप (टीपीपी) से पीछे हट जाएगा। वर्क वीजा प्रोग्राम (कामगारों को दिया जाने वाला वीजा) के दुरुपयोग की जांच कराई जाएगी।
इससे भारत पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। उन्होंने पहले सौ दिन की योजना भी जनता के सामने रखी है।ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेंगे। यूट्यूब पर जारी तकरीबन ढाई मिनट के वीडियो संदेश में ट्रंप ने प्रवासियों को वापस भेजने और मुस्लिमों को ट्रैक करने पर रुख स्पष्ट किया है। मीडिया प्रतिनिधियों के साथ बैठक में ट्रंप ने पक्षपातपूर्ण कवरेज को लेकर विभिन्न मीडिया प्रतिष्ठानों की कड़ी आलोचना की है।
टीपीपी से अलग होगा अमेरिका
ट्रंप ने स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका 12 सदस्यीय टीपीपी व्यापार समझौते से अलग हो जाएगा। इसके स्थान पर वह द्विपक्षीय समझौते को वरियता देंगे, जिससे देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। ओबामा ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन सीनेट से अभी इसे मंजूरी नहीं मिली है। अन्य भागीदार देशों ने भी अलग-अलग इसे मंजूरी नहीं दी है।
ट्रंप इसको 'आपदा' करार दे चुके हैं। उन्होंने कहा, 'मेरा एजेंडा 'अमेरिका फर्स्ट' की नीतियों पर आधारित होगा। फिर चाहे वह स्टील का उत्पादन, कारों का निर्माण, बीमारियों से निपटने के तरीके हों या अगली पीढ़ी की नई खोज, ये सब पहले अमेरिका में होना चाहिए। इससे अमेरिकी कामगारों के लिए नौकरी के अवसर बढ़ेंगे और देश में संपन्नता आएगी। हमारी सरकार भेदभाव रहित द्विपक्षीय समझौता करेगी, ताकि उद्योग धंधे फिर से अमेरिका लौटे।' ट्रंप के वीडियो संदेश से पहले जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने कहा कि अमेरिका के बिना टीपीपी अर्थहीन है। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि वो ट्रंप के टीपीपी पर दिए बयान से खुश नहीं है।
वीजा दुरुपयोग की होगी जांच
ट्रंप ने कहा कि शपथ लेने के पहले दिन वह कामगारों के लिए जारी किए जाने वाले वीजा के दुरुपयोग की जांच कराने का आदेश देंगे। ट्रंप और संभावित अटॉर्नी जेफ सेसंस के कार्यकाल में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र को कड़ी निगरानी का सामना करना पड़ सकता है। सेसंस एच-1बी वीजा के प्रखर आलोचक रहे हैं। इससे भारत पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है।
ऊर्जा क्षेत्र में देंगे ढील
ट्रंप ने ऊर्जा क्षेत्र में लगे कुछ कड़े प्रतिबंधों को खत्म करने की भी बात कही है, ताकि रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकें।खासकर शेल एनर्जी और स्वच्छ कोयले के उत्पादन पर लगी रोक हटाई जाएगी।लॉबिंग को करेंगे खत्मअमेरिका के अगले राष्ट्रपति ने पूर्व सरकारी अधिकारियों द्वारा लॉबिंग करने की प्रथा को भी खत्म करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि ऐसे अधिकारी सेवा के पांच साल तक लॉबिंग नहीं कर सकेंगे। विदेशी सरकार के लिए जोड़तोड़ करने वाले अफसरों पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जाएगा।