Move to Jagran APP

चीन की दादागिरी, विवादित द्वीप पर बनाए फाइटर जेट के लिए हैंगर

चीन ने दक्षिण चीन सागर के विवादित द्वीपों पर लड़ाकू विमानों के लिए हैंगर का निर्माण किया है। सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज ने किया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 09 Aug 2016 11:50 PM (IST)Updated: Wed, 10 Aug 2016 07:44 AM (IST)
चीन की दादागिरी, विवादित द्वीप पर बनाए फाइटर जेट के लिए हैंगर

वाशिंगटन (रॉयटर)। दक्षिण चीन सागर सैन्य ठिकाने में तब्दील होता जा रहा है। चीन ने स्प्रैटली द्वीप समूह के फायरी क्रॉस, सुबी और मिसचीफ रीफ पर विमानों के रकने के लिए हैंगर बनाए हैं। ल़़डाकू विमान न केवल यहां उतर सकते हैं बल्कि डेरा भी डाल सकते हैं। सुरक्षा मामलों पर नजर रखने वाले अमेरिकी थिंक टैंक ने यह बात कही है। दक्षिण चीन सागर पर अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल के फैसले के तकरीबन एक महीने बाद यह बात सामने आई है।

loksabha election banner

द्वीप समूह के जुलाई में लिए गए चित्रों के विश्लेषण से इसका पता चला है। सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) के मुताबिक, यहां पर चीनी वायुसेना के विमान लैंड करने के साथ ही ठहर भी सकते हैं। यह एयरफोर्स स्टेशन के तौर पर काम कर सकेगा। संस्था ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'इस साल की शुरआत में सैन्य मालवाहक विमान फायरी क्रॉस रीफ पर उतरा था। इसके बाद से विवादित द्वीप पर सैन्य विमानों को तैनात करने के कोई सुबूत नहीं मिले हैं। लेकिन, तीनों द्वीपों पर तेज गति से हैंगर के निर्माण को देखते हुए परिस्थितियां जल्द ही बदल सकती हैं।

आतंकी गुलेन के लिए तुर्की से संबंधों को कुर्बान न करे अमेरिका

मालूम हो कि बीजिंग दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर अपना दावा ठोकता है। फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ताइवान और ब्रुनेई भी ऐसा ही दावा करते हैं। वहीं, अमेरिका इस पूरे क्षेत्र को स्वतंत्र नौवहन क्षेत्र मानता है।

रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को इन द्वीपों पर अधिकार की बात दोहराई। मालूम हो कि चीन अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल के फैसले को पहले ही खारिज कर चुका है। फिलीपींस को उम्मीद है कि चीन के साथ बातचीत के जरिये यह विवाद सुलझा लिया जाएगा।

ट्रेन के कार्गो कोच से आरबीआई के पांच करोड़ रुपये गायब

कश्मीर के मुद्दे पर राज्यसभा में आज होगी चर्चा, राजनाथ ने की सहयोग की अपील


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.