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लाहौर हाई कोर्ट ने पूछा जमात-उद-दावा प्रतिबंधित संगठन है या नहीं

लाहौर हाई कोर्ट ने सरकार से जानना चाहा है कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन जमात-उद-दावा [जेयूडी] प्रतिबंधित संगठन है या नहीं। अदालत ने यह सवाल जेयूडी प्रमुख और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद द्वारा पशुओं की खाल एकत्र करने लगी रोक को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान पूछा।

By Edited By: Published: Thu, 19 Sep 2013 03:24 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2013 03:42 PM (IST)
लाहौर हाई कोर्ट ने पूछा जमात-उद-दावा प्रतिबंधित संगठन है या नहीं

लाहौर। लाहौर हाई कोर्ट ने सरकार से जानना चाहा है कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन जमात-उद-दावा [जेयूडी] प्रतिबंधित संगठन है या नहीं। अदालत ने यह सवाल जेयूडी प्रमुख और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद द्वारा पशुओं की खाल एकत्र करने लगी रोक को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान पूछा।

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पढ़ें: जेयूडी को करोड़ों देने को सरकार ने ठहराया जायज

दरअसल, पाकिस्तान सरकार की ओर से लगाए गए प्रतिबंध के कारण जेयूडी अगले महीने ईद-उल-अजहा के मौके पर पशुओं की खालों को एकत्र नहीं कर पाएगा। अगर सरकार अपने आदेश पर सख्ती से अमल करती है तो जेयूडी बड़ी मात्रा में धन एकत्र नहीं कर पाएगा। पिछले साल भी सरकार ने जेयूडी पर ईद-उल-अजहा से एक दिन पहले प्रतिबंध लगाया था, लेकिन संगठन ने खासकर पंजाब में इसका खुलकर उल्लंघन किया था।

पाकिस्तान सरकार ने बुधवार को लाहौर हाई कोर्ट को सूचित किया कि देश में जेयूडी और 45 अन्य संगठनों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा पारित प्रस्तावित के तहत कुर्बान किए गए पशुओं की खाल एकत्र करने पर रोक है। मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने डिप्टी अटार्नी जनरल से कहा कि वह अगली सुनवाई के दौरान बताए कि जेयूडी प्रतिबंधित संगठन है या नहीं। अदालत ने मामले की सुनवाई 23 सितंबर तक स्थगित कर दी है। सईद ने याचिका में दलील दी थी कि उसका संगठन किसी कानून के तहत प्रतिबंधित नहीं है। उस पर कुर्बान किए गए पशुओं की खाल एकत्र करने पर लगाया गया प्रतिबंध पाकिस्तान के संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

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