उ. कोरिया से रिहा हुए अमेरिकी छात्र की मौत
वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के छात्र ओटो बार्मबीयर को उत्तर कोरिया की यात्रा के दौरान गिरफ्तार किया गया था।
वाशिंगटन, रायटर/एएफपी। उत्तर कोरिया की जेल में 17 महीने रहने के बाद अमेरिका लाए गए छात्र की सोमवार को मौत हो गई। उसे कोमा की स्थिति में स्वदेश लाया गया था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने छात्र की मौत पर दुख जताया और उत्तर कोरिया के शासन को क्रूर करार दिया जबकि चीन ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने भी उत्तर कोरिया पर निशाना साधा। वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के छात्र ओटो बार्मबीयर को उत्तर कोरिया की यात्रा के दौरान गिरफ्तार किया गया था। उसे मार्च 2016 में उत्तर कोरियाई सुप्रीम कोर्ट ने महज एक घंटे के ट्रायल में दोषी करार दिया था। बार्मबीयर को 15 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी। प्योंगयांग की यात्रा पर गए छात्र ने माना था कि उसने प्रचार बैनर चुराने का प्रयास किया था।
अमेरिका में बार्मबीयर को देखने वाले डॉक्टरों ने उसके मस्तिष्क को गहरा आघात पहुंचने की बात कही थी। सिनसिनाटी के अस्पताल में उसकी मौत हुई। बार्मबीयर के परिवार ने कहा, 'हमारे बेटे को उत्तर कोरियाई लोगों के हाथों मिली भीषण यातना का इस दुखद अंत के अलावा कोई दूसरा परिणाम संभव नहीं था। मार्च 2016 में सजा सुनाए जाने के बाद से ही उनका बेटा कोमा में था।'
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