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सैग खेलः लगातार 12वीं बार भारत ओवरऑल चैंपियन

भारतीय एथलीटों ने सैग खेलों में अपना दबदबा कायम रखते हुए लगातार 12वीं बार ओवरऑल चैंपियन का खिताब अपने नाम किया। भारत ने पुरुष हॉकी और फुटबॉल को छोड़कर लगभग सभी खेलों में क्लीन स्वीप किया। भारतीय एथलीटों ने रिकॉर्ड 308 पदक जीते। इनमें 188 स्वर्ण, 99 रजत और 30

By ShivamEdited By: Published: Tue, 16 Feb 2016 10:06 PM (IST)Updated: Tue, 16 Feb 2016 10:11 PM (IST)
सैग खेलः लगातार 12वीं बार भारत ओवरऑल चैंपियन

गुवाहाटी। भारतीय एथलीटों ने सैग खेलों में अपना दबदबा कायम रखते हुए लगातार 12वीं बार ओवरऑल चैंपियन का खिताब अपने नाम किया। भारत ने पुरुष हॉकी और फुटबॉल को छोड़कर लगभग सभी खेलों में क्लीन स्वीप किया। भारतीय एथलीटों ने रिकॉर्ड 308 पदक जीते। इनमें 188 स्वर्ण, 99 रजत और 30 कांस्य हैं। ढाका में 2010 में हुए पिछले खेलों में भारत ने 90 स्वर्ण सहित कुल 175 पदक जीते थे। पिछली बार के मुकाबले इस बार पदकों की संख्या दो गुनी है। श्रीलंका 186 पदक लेकर दूसरे और पाकिस्तान 106 पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। भारत के 500 एथलीटों ने खेलों में भाग लिया।

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- रंगारंग समारोह के साथ संपन्न हुए खेल

मेजबान भारत के रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन, भव्य आतिशबाजी, खूबसूरत लेजर शो, संगीतमय प्रस्तुति और रंगारंग कार्यक्रम के साथ सैग खेलों का मंगलवार को भव्य समापन हो गया। केंद्रीय खेलमंत्री और सैग खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष सर्बानंद सोनोवाल ने खचाखच भरे इंदिरा गांधी एथलेटिक स्टेडियम में खेलों के समापन की घोषणा की।

समापन समारोह में असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, असम और मेघालय के खेलमंत्री, अगले सैग खेलों के मेजबान नेपाल और बंगलादेश के खेलमंत्री, भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) के अध्यक्ष एन रामचंद्रन और महासचिव राजीव मेहता मौजूद थे। समापन समारोह में खिलाड़ी 2019 में नेपाल के काठमांडू में होने वाले 13वें सैग खेलों में फिर से एकत्र होने की इच्छा के साथ यहां से अलविदा हुए। समापन की घोषणा के बाद 12 दिनों से चल रही खेलों की ज्योति को बुझा दिया गया। सोनोवाल ने सैग खेलों का झंडा दक्षिण एशियन ओलंपिक काउंसिल के अध्यक्ष एन रामचंद्रन को दिया, जिन्होंने इसे 13वें सैग खेलों कीआयोजक समिति के चेयरमैन और नेपाल ओलंपिक समिति के प्रमुख जीवन राम को सौंपा। इसी के साथ स्टेडियम के ऊपर आसमान भव्य आतिशबाजी से जगमगा उठा। इसके बाद अगले खेलों के मेजबान नेपाल ने अपनी संक्षिप्त प्रस्तुति दी और फिर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम और संगीतमय प्रस्तुति ने दर्शकों ने दर्शकों का मन मोह लिया।

इन खेलों में आठ सार्क देशों के 2500 खिलाडि़यों ने भाग लिया। भारत ने तीसरी बार इन खेलों की मेजबानी की थी। इससे पहले यह खेल कोलकाता (1987) और मद्रास (1995) में हुए थे।

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