भारोत्तोलन में डोपिंग की जांच के लिए बनी समिति
अंतरराष्ट्रीय संस्था से निलंबन के खतरे को देखते हुए भारतीय भारोत्तोलन संघ (आइडब्ल्यूएफ) ने डोपिंग की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। पिछले दिनों प्रमिला और मिनाती सेठी नाम की दो महिला खिलाडि़यों के डोप टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने के बाद आइडब्ल्यूएफ ने यह कदम उठाया
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय संस्था से निलंबन के खतरे को देखते हुए भारतीय भारोत्तोलन संघ (आइडब्ल्यूएफ) ने डोपिंग की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। पिछले दिनों प्रमिला और मिनाती सेठी नाम की दो महिला खिलाडि़यों के डोप टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने के बाद आइडब्ल्यूएफ ने यह कदम उठाया है।
प्रमिला और मिनाती के मामले की तीन दिसंबर को सुनवाई होनी है। हालांकि आइडब्ल्यूएफ ने दोनों ही खिलाडि़यों का बचाव किया है। संघ के महासचिव सहदेव यादव ने कहा, 'अतीत में कई भारोत्तोलकों का डोप टेस्ट पॉजीटिव पाया गया है, लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूं दोनों खिलाड़ी निर्दोष हैं। मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है।'
बताते चलें कि पुणे में हुई कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप के दौरान डोप टेस्ट में फेल होने के बाद दोनों खिलाडि़यों को अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन संघ के तहत होने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं से अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया गया था। इसी के चलते दोनों महिला खिलाड़ी को 20 नवंबर से अमेरिका के ह्यूस्टन में शुरू हो रही विश्व चैंपियनशिप के लिए भारतीय दल में शामिल नहीं किया गया है।
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- ..तो रियो में नहीं दिखेगा भारतीय दल
अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार एक कैलेंडर वर्ष में अगर डोपिंग के तीन मामले पॉजीटिव पाए जाते हैं तो उस देश के राष्ट्रीय संघ को एक साल के लिए निलंबन का सामना करना पड़ सकता है। अगर डोपिंग का एक और मामला पॉजीटिव पाया जाता है तो रियो ओलंपिक में भारत की भागीदारी पर संकट के बाद घिर सकते हैं।