महिला हॉकी में भारतीय सपना टूटा, अब कांस्य के लिए खेलेंगी
भारतीय महिला हॉकी टीम का एशियन गेम्स में 32 साल बाद स्वर्ण पदक जीतने का सपना सेमीफाइनल में हार के साथ ही टूट गया। रितु
इंचियोन। भारतीय महिला हॉकी टीम का एशियन गेम्स में 32 साल बाद स्वर्ण पदक जीतने का सपना सेमीफाइनल में हार के साथ ही टूट गया। रितु रानी की अगुआई वाली भारतीय टीम सोमवार को दक्षिण कोरिया से 1-3 से हार गई। भारत का अब कांस्य पदक के लिए जापान से मुकाबला होगा, जिसे दूसरे सेमीफाइनल में चीन ने 1-0 से हराया। महिला टीम ने 1982 में नई दिल्ली में हुए एशियन गेम्स में पीला तमगा जीता था। इन्हीं खेलों में पहली बार महिला हॉकी को शामिल किया गया था।
कोरिया ने तीसरे ही मिनट में किम डारेइ के गोल पर खाता खोला। भारत ने 11वें मिनट में नमिता टोप्पो के गोल पर बराबरी की। पहले क्वार्टर में स्कोर 1-1 से बराबर रहा। दूसरे क्वार्टर में भारतीय लड़कियों ने काफी मेहनत की, लेकिन 28वें मिनट में हान हायेलियंग के गोल के दम पर कोरिया ने फिर बढ़त बनाई। कोरिया ने 42वें मिनट में पार्क मिहयुन के गोल की बदौलत स्कोर 3-1 कर दिया। इसके बाद भारत की हार लगभग तय लगने लगी। आखिरी क्वार्टर में भारत को एक पेनाल्टी कॉर्नर मिला लेकिन ड्रैग फ्लिकर जसप्रीत कौर उसे गोल में नहीं बदल सकी। भारत अब जापान से जब तीसरे स्थान का मुकाबला खेलेगा तो उसका इरादा बदला चुकता करने का होगा। जापान ने चार साल पहले ग्वांग्झू खेलों में इसी मुकाबले में भारत को 1-0 से हराया था।