Move to Jagran APP

खुदाई में मिले इस अनोखे शिवलिंग से आती है तुलसी की खुशबू

इस शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि ये करीब 2000 वर्ष पुराना है, जो कि द्वादश ज्योतिर्लिंगों वाले पत्थरों से बना हुआ है, इस शिवलिंग की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें तुलसी के पत्तों की खुशबू आती है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Tue, 20 Dec 2016 12:46 PM (IST)Updated: Tue, 20 Dec 2016 12:54 PM (IST)

ऐसी बहुत सी ऐतिहासिक चीजें हैं जो आज भी इस जमीन में दफन है और हमें हमारी पुरानी सभ्यता और उनसे जुड़े किस्से-कहानियों की याद दिलाती है।

loksabha election banner

अक्सर पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई के दौरान मिली चीजों को देखकर हमारे होश उड़ जाते हैं। छत्तीसगढ़ में भी कुछ ऐसा ही हुआ यहां के सिरपुर में हुई खुदाई से पुरातत्व विशेषज्ञों को एक शिवलिंग प्राप्त हुआ है। इस शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि ये करीब 2000 वर्ष पुराना है, जो कि द्वादश ज्योतिर्लिंगों वाले पत्थरों से बना हुआ है, इस शिवलिंग की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें तुलसी के पत्तों की खुशबू आती है। इसके अलावा 4 फीट लंबा 2.5 फीट की गोलाई वाले इस शिवलिंग में जनेऊ और असंख्य शिव-धारियां पहले से ही मौजूद है।

विभिन्न निष्कर्षो से ये पता चला है कि कई हजार वर्ष पहले यहां एक विशाल मंदिर हुआ करता था। जिसका निर्माण पहली शताब्दी के सरभपुरिया राजाओं द्वारा किया गया था। 12वीं सदी में चित्रोत्पला महानदी की बाढ़ से यह विशाल मंदिर पूरी तरह से खत्म हो गया और जो बचा वो धरती में ही दफन हो गया। पिछले कई वर्र्षों से हो रही खुदाई से पुरातत्व विभाग ने अब तक इस जगह से कई छोटे-बड़े शिवलिंग निकाले, लेकिन बाद में एक विशाल आकार का शिवलिंग निकला तो इसे देखकर सबके होश उड़ गये।

पुरातत्व विशेषज्ञों के अनुसार यहां पुरानी सभ्यता का इतिहास दफन पड़ा है। यहां आने वाले विनाशकारी भूकम्प और बाढ़ की लहरों से आई रेत और मिट्टी की परतों ने इस इलाके को पूरी तरह से दबा दिया है। इस खुदाई में शिवलिंग के साथ कुछ सिक्के, ताम्रपत्र, बर्तन, शिलालेख एवं प्रतिमाएं आदि भी मिले हैं। माना जाता है ये सभी चीजें करीब 2 हजार साल वर्ष हैं।

READ: 800 वर्ष पुराने इस घड़े में मिला कुछ ऐसा जिसे देख हर कोई था हैरान

118 साल बाद भी बेडिय़ों में कैद है ये पेड़


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.