अब जनता के बीच जाएंगे प्रशांत और योगेंद्र
आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल से निराश लोग अब देशभर में उनकी विचारधारा से जुड़े लोगों को एकजुट करने में जुट गए हैं। ऐसी संभावना है कि अप्रैल के अंत तक प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव एक बड़ा समेलन आयोजित कर सकते हैं। इसमें आगे की रणनीति
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल से निराश लोग अब देशभर में उनकी विचारधारा से जुड़े लोगों को एकजुट करने में जुट गए हैं। ऐसी संभावना है कि अप्रैल के अंत तक प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव एक बड़ा समेलन आयोजित कर सकते हैं। इसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर हुए प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, प्रो. आनंद कुमार, अजीत झा कुछ अन्य लोगों के साथ अब जनता के बीच इन मुद्दों को लेकर जाएंगे और उनकी राय लेंगे। फिलहाल ये लोग पार्टी छोडऩे और कोई दूसरा दल बनाने बनाने के पक्ष में नहीं हैं। प्रो. आनंद कुमार का कहना है कि राष्ट्रीय परिषद के जिन सदस्यों ने हमारे साथ वाकआउट किया, वे अलग-अलग राज्यों से संबंधित थे। इन लोगों को परिषद की बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया गया था, लेकिन बाद में लिस्ट से उनका नाम काट दिया गया। प्रो. कुमार ने बताया कि इन सभी लोगों ने कहा है कि हम देशार के लोगों को बुलाकर समेलन करेंगे।
किसानों, नौजवानों, भूमिहीनों के मुद्दों के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लडऩे में मदद करेंगे। इसमें देशभर से आम आदमी पार्टी और इसकी विचारधारा से जुड़े वे समर्थक आएंगे, जो पार्टी के रवैये से आहत हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की संख्या काफी अधिक है जो हमारी विचारधारा से सहमत हैं और उनके अनुसार हमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकालने का फैसला पूरी तरह गलत है। कई लोग अब इसकी तुलना असम गण परिषद से करने लगे हैं। जो आंदोलन से उभरी पार्टी थी, लेकिन जल्द ही उसमें हितों को लेकर टकराव हुआ और आज स्थिति सबके सामने है। आम आदमी पार्टी को भी कार्यकर्ताओं ने दिन-रात मेहनत करके खड़ा किया लेकिन कुछ नेता यह मान बैठे हैं कि इस पार्टी को उन्होंने खड़ा किया है।
बैठक में केजरी ने कहा था- 'आप में मैं रहूंगा या फिर प्रशांत-योगेंद्र'
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