आदिवासी महिला की भी नसबंदी से गई जान
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नसबंदी के नाम पर मासूम बच्चों के सिर से ममता का आंचल छिनने का सिलसिला थम नहीं रहा है। पेंडारी गांव के बाद अब गौरेला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी कराने वाली एक महिला की मौत हो गई, जबकि 14 महिलाओं को गंभीर हालत में
नई दुनिया, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में नसबंदी के नाम पर मासूम बच्चों के सिर से ममता का आंचल छिनने का सिलसिला थम नहीं रहा है। पेंडारी गांव के बाद अब गौरेला के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी कराने वाली एक महिला की मौत हो गई, जबकि 14 महिलाओं को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिस महिला की मौत हुई वह विशेष संरक्षित जनजाति बैगा वर्ग की है, जिसकी नसबंदी करने पर ही प्रतिबंध है।
नसबंदी का लक्ष्य पूरा करने के फेर में स्वास्थ्य अमले ने गांव धनौली की चैती बाई व मंगली बाई का ऑपरेशन कर दिया, जबकि केंद्र सरकार विलुप्त हो रही इस जनजाति वर्ग की महिलाओं की नसंबदी पर रोक लगाई हुई है। घर पहुंचने के बाद बुधवार को धनौली समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्र की नसबंदी कराने वाली महिलाओं की तबीयत बिगड़ने लगी। अत्याधिक तबीयत खराब होने पर चैती बाई को जिला अस्पताल भेजा गया, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
पेंडारी गांव में मौत का आंकड़ा 14 पहुंचा
दूसरी ओर, पेंडारी गांव में लगे सरकारी शिविर में नसबंदी कराने की घटना में मरने वाली महिलाओं की संख्या 14 पहुंच गई। 65 महिलाओं का उपचार चल रहा है जिनमें 13 की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। इस घटना के विरोध में बुधवार को छिटपुट विवादों के बीच छत्तीसगढ़ बंद रहा। जगह-जगह दुकानें बंद कराने के लिए जुलूस की शक्ल में निकले कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री रमन सिंह और स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल का पुतला फूंका। पुलिस ने दो सौ से अधिक कांग्रेसियों को गिरफ्तार कर लिया।
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