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महिलाओं की मौत पर कांग्रेस का आज छत्‍तीसगढ़ बंद, हंगामा

छत्तीसगढ़ के गांव पेंडारी में लगे सरकारी शिविर में नसबंदी कराने वाली महिलाओं की मौत का आंकड़ा 12 पहुंच गया है। अस्पताल में भर्ती 49 महिलाओं में अभी भी 12 की हालत गंभीर है। उधर, कांग्रेस ने आज घटना के विरोध में बंद का आह्वान किया है। इसे लेकर कई

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Wed, 12 Nov 2014 02:32 AM (IST)Updated: Wed, 12 Nov 2014 09:42 AM (IST)
महिलाओं की मौत पर कांग्रेस का आज छत्‍तीसगढ़ बंद, हंगामा

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के गांव पेंडारी में लगे सरकारी शिविर में नसबंदी कराने वाली महिलाओं की मौत का आंकड़ा 12 पहुंच गया है। अस्पताल में भर्ती 49 महिलाओं में अभी भी 12 की हालत गंभीर है। उधर, कांग्रेस ने आज घटना के विरोध में बंद का आह्वान किया है। इसे लेकर कई स्थानों पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने हंगामा और विरोध प्रदर्शन किया।

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घटना पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री रमन सिंह से मामले की जांच करा दोषियों को कठोर दंड देने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई करते हुए लापरवाही के आरोप में मुख्य चिकित्सा अधिकारी समेत चार डॉक्टरों को निलंबित कर दिया। ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के भी आदेश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के निदेशक का तबादला कर दिया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले पर राज्य से रिपोर्ट मांगी है। साथ ही एम्स के चार डाक्टरों को बीमारों के इलाज के लिए बिलासपुर रवाना कर दिया है।

जिला अस्पताल में उपचार करा रहीं महिलाओं का मंगलवार को कुशलक्षेम जानने पहुंचे मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख और पीडि़तों को 50-50 हजार का मुआवजा देने की घोषणा की। इसके अलावा घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। विपक्षी दल कांग्रेस ने डॉक्टरों की लापरवाही के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री रमन सिंह को काले झंडे दिखाने की कोशिश की और स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल का पुतला जलाया। किसी भी ङ्क्षहसक घटना से बचने के लिए शहर में जगह-जगह पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। कांग्रेस ने बुधवार को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है।

छह घंटे में 83 ऑपरेशन

गत शनिवार को नेमीचंद जैन कैंसर हॉस्पिटल में सरकारी शिविर लगाया गया था। महिलाओं की नसबंदी करने के लिए लेप्रोस्कोप सर्जन डॉ. आरके गुप्ता व उनका एक प्रशिक्षु शिविर में पहुंचे थे। परिवार नियोजन कल्याण का लक्ष्य पूरा करने के लिए सर्जन ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर मात्र छह घंटे के भीतर 83 महिलाओं की नसबंदी कर दी। ऑपरेशन के दो घंटे बाद अचानक महिलाओं उल्टी, बुखार व दर्द की शिकायत हुई। महिलाओं ने गांव के डॉक्टर से दवाइयां लीं पर उल्टी थमने का नाम नहीं ले रही थी। गंभीर रूप से बीमार महिलाओं को आइसीयू में रखा गया है।

घोर मानवीय त्रासदी: संयुक्त राष्ट्र

नई दिल्ली, [आवेश तिवारी)। छत्तीसगढ़ में नसबंदी के दौरान हुई आठ महिलाओं की मौत को संयुक्त राष्ट्र ने घोर मानवीय त्रासदी बताया है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल से चर्चा कर जानकारी ली। फिलहाल केंद्र ने जांच का कोई आदेश नहीं दिया है।

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या निधि की उप निदेशक केट गिलमोर ने कहा कि ऐसी घटनाएं नसबंदी के दौरान चिकित्सकीय मानकों का सही ढंग से पालन न करने की वजह से घट सकती हैं।

स्वास्थ्य महानिदेशक अनभिज्ञ

इतने गंभीर मामले की जानकारी भारत सरकार के महानिदेशक [स्वास्थ्य सेवा] डॉ. जगदीश प्रसाद को मंगलवार अपराह्न तक नहीं थी, उन्हें यह जानकारी नईदुनिया के माध्यम से मिली। चर्चा में उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकार से जानकारी मांग रहे हैं।

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