Move to Jagran APP

Chandrayaan-3 Mission: जुलाई के महीने में ही क्यों लॉन्च हो रहा चंद्रयान-3? ये है कारण

भारत एक नया इतिहास रचने जा रहा है। 14 जुलाई 2023 को भारत चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च करेगा। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के साथ ही भारत चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा। चंद्रयान-3 लॉन्च करने को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। चंद्रयान-3 मिशन के तहत ISRO 23 अगस्त या 24 अगस्त को चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास करेगा।

By Versha SinghEdited By: Versha SinghPublished: Thu, 13 Jul 2023 09:14 AM (IST)Updated: Thu, 13 Jul 2023 09:42 AM (IST)
जुलाई के महीने में ही क्यों लॉन्च हो रहा चंद्रयान-3? ये है कारण

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। अंतरिक्ष की दुनिया में भारत इस सप्ताह नया इतिहास रचने जा रहा है। इसरो (ISRO) चंद्रयान-3 को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है और अभियान को लेकर उल्टी गिनती भी शुरू हो चुकी है। चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के साथ ही भारत चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा।

loksabha election banner

बता दें कि चंद्रयान-3 ISRO का ड्रीम प्रोजेक्ट है। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को दोपहर 02.35 बजे लॉन्च किया जाएगा। ISRO प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान-3 मिशन के तहत ISRO 23 अगस्त या 24 अगस्त को चंद्रमा पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास करेगा।

जुलाई में पृथ्वी-चंद्रमा होते हैं करीब

जुलाई महीने में प्रक्षेपण करने का कारण ठीक चंद्रयान-2 मिशन (22 जुलाई, 2019) जैसा ही है क्योंकि साल के इस समय पृथ्वी और उसका उपग्रह चंद्रमा एक-दूसरे के बेहद करीब होते हैं।

शुक्रवार का मिशन भी चंद्रयान-2 की तर्ज पर होगा जहां वैज्ञानिक कई क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे। इनमें चंद्रमा की कक्षा पर पहुंचना, लैंडर का उपयोग कर चंद्रमा की सतह पर यान को सुरक्षित उतारना और लैंडर में से रोवर का बाहर निकलकर चंद्रमा की सतह के बारे में अध्ययन करना शामिल है।

चंद्रयान-3 को लेकर फैट बॉय LVM3-M4 रॉकेट भरेगा उड़ान

देश के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन अभियान के तहत चंद्रयान-3 को ‘ फैट बॉय’ LVM3-M4 रॉकेट ले जाएगा। चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग अगस्त के आखिर में निर्धारित है।

वैज्ञानिक यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में घंटों कड़ी मेहनत करने के बाद चांद की सतह पर साफ्ट लैंडिंग तकनीक में महारत हासिल करने का लाक्ष्य साधे हुए हैं। यह मिशन भावी अन्तरग्रहीय मिशनों के लिए भी सहायक साबित हो सकता है।

LVM3 को प्यार से ‘फैट बॉय’ कहते हैं विज्ञानी

सबसे लंबे और भारी LVM3 रॉकेट (पूर्व में जीएसएलवी एमके3) की भारी भरकम सामान ले जाने की क्षमता की वजह से इसरो के विज्ञानी उसे प्यार से ‘फैट बॉय’ कहते हैं। इसने लगातार छह सफल अभियानों को पूरा किया है।

LVM3 रॉकेट तीन माड्यूल का समन्वय है, जिसमें प्रणोदन, लैंडर और रोवर शामिल हैं। रोवर लैंडर के भीतर रखा है। शुक्रवार का यह मिशन LVM3 की चौथी परिचालन उड़ान है, जिसका मकसद चंद्रयान-3 को भू-स्थानांतरित कक्षा में स्थापित करना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.