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आपके खाते से गायब हुआ पैसा तो तुरंत करें ये उपाय, वर्ना-कहीं देर ना हो जाए...

कार्ड की जानकारी लीक होनेे के बाद बैंकों के ग्राहक चिंता में हैं। लेकिन यदि इस तरह सेे किसी के भी खाते से पैसे निकल जाएं तो वह तुरंत येे उपाय करें।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 21 Oct 2016 02:44 PM (IST)Updated: Sat, 22 Oct 2016 07:18 AM (IST)
आपके खाते से गायब हुआ पैसा तो तुरंत करें ये उपाय, वर्ना-कहीं देर ना हो जाए...

नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत में मौजूद बैंकों के एटीएम कार्ड की जानकारी चोरी होने के बाद इन बैंकाें से जुड़े ग्राहकों में कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। इनमें से सबसे बड़ा सवाल यह है कि वह इस तरह केे खतरे से अपने खाते को कैसे बचा सकते हैं। दूसरा सवाल है कि आखिर इस तरह का डाटा कोई कैसे चुरा सकता है। तीसरा और अंतिम सवाल है कि यदि खाते से पैसा निकल जाए तो आप क्या करेंगे। ऐसे में जानेंं कि आपको आखिर करना क्या होगा।

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ग्राहकों को हुए नुकसान के लिए बैंक जिम्मेदार

भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि सुरक्षा में सेंध के कारण ग्राहकों को हुए किसी भी तरह के नुकसान के लिए पूरी तरह से बैंक ही जिम्मेदार है। आरबीआई के ड्राफ्ट के मुताबिक, खाता धारकों द्वारा धोखाधड़ी की सूचना दिए जाने पर बैंक को 10 कार्यदिवसों के अंदर ग्राहक के खाते से गायब हुआ पैसा वापस करना होगा। इसके लिए ग्राहक को तीन दिन के अंदर ही धोखाधड़ी की सूचना देनी होगी और उसे यह दिखाना होगा कि उसकी तरफ से किसी तरह का लेनदेन नहीं किया गया और पैसा बिना उसकी जानकारी के गलत तरह से गायब हुआ है।

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90 दिनों में करना होगा शिकायत का निपटारा

आरबीआई का निर्देश है कि बैंक यह सुनिश्चित करें कि ग्राहक की शिकायत का निपटारा 90 दिनों के अंदर हो जाए। क्रेडिट कार्ड से पैसे गायब होने की हालात में बैंक यह सुनिश्चित करें कि कस्टमर को किसी भी तरह का ब्याज न देना पड़े। यहां आपकी जानकारी के लिए बता देना उचित होगा कि इस समय देश में लगभग 70 करोड़ डेबिड कार्ड हैं, जिनमें 19 करोड़ तो रूपे कार्ड हैं, जबकि बाकी वीजा व मास्टरकार्ड हैं। इस सेंधमारी से प्रभावित होने वाले डेबिट कार्ड में से 26 लाख कार्ड वीजा और मास्टरकार्ड प्लेटफॉर्म के हैं, जबकि 6 लाख कार्ड घरेलू रूपे प्लेटफॉर्म के हैं। बैंकों ने इससे बचने के लिए अपने ग्राहकों को तुरंत एटीएम कार्ड का पिन नंबर बदलने की अपील की है।

चिंता न करें ग्राहक

वहीं वित्तीय सेवा विभाग में अतिरिक्त सचिव जी सी मुरूमू ने ग्राहकों को शांत करने की कोशिश करते हुए कहा है कि कुल डेबिट कार्ड में से केवल 0.5 प्रतिशत की सुरक्षा में सेंधमारी हुई है, जबकि बाकी 99.5 प्रतिशत पूरी तरह सुरक्षित है और बैंक ग्राहक चिंता नहीं करें।

सेंधमारी से बचने के उपाय

डेबिट कार्ड की सुरक्षा के लिए मानक तय करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था PCIDSS ने इस सेंधमारी की फॉरेंसिक जांच का आदेश देते हुए, इस महीने के अंत तक इसके कारण और भविष्य में ऐसी सेंधमारी से बचने के उपाय बताने को कहा है। इसके अलावा बैंकों ने चिप वाले कार्ड जारी करने की दिशा में कदम बढाया है।

कैसे होती है जानकारी लीक

मालवेयर एक ऐसा प्रोग्राम होता है, जिसमें ट्रोजन, स्पाइवेयर, जैसे वायरसों से बनाया जाता हैं, जिसके जरिये सेंधमार एटीएम मशीन या बैंकों के सर्वर्स में घुसकर डेटा चुरा सकते हैं। इस मामले में, वायरस के शिकार ऐसे किसी एटीएम मशीन पर अगर आपने कार्ड इस्तेमाल किया तो आपके एटीएम/डेबिट कार्ड का डेटा उस सेंधमार के हाथ लग जाएगा, जिसका वह दुरुपयोग कर सकता है।


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