विजन डॉक्यूमेंट में शिवसेना ने सबको पछाड़ा
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। विधानसभा चुनाव में उतरने से पहले महाराष्ट्र की जनता को सपने दिखाने में शिवसेना ने सभी दलों को पीछे छोड़ दिया है। उसकी ओर से पूरे महाराष्ट्र के विकास का खाका खींचता एक विजन डॉक्यूमेंटपेश कर दिया गया है। महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में मुखयमंद्दी पद पर दावे के लेकर शिवसेना का मुकाबला न सिर्फक
ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। विधानसभा चुनाव में उतरने से पहले महाराष्ट्र की जनता को सपने दिखाने में शिवसेना ने सभी दलों को पीछे छोड़ दिया है। उसकी ओर से पूरे महाराष्ट्र के विकास का खाका खींचता एक विजन डॉक्यूमेंटपेश कर दिया गया है।
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में मुखयमंद्दी पद पर दावे के लेकर शिवसेना का मुकाबला न सिर्फकांग्रेस-रोकांपा जैसे विरोधी दलों से है, बल्कि अपनी सहयोगी भाजपा एवं उसके लिए लगातार मुसीबत खड़ी करती रही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से भी है। इसलिए शिवसेना इन सभी दलों से पहले अपना विजन डॉक्यूमेंट पेश कर यह संकेत देना चाहती है कि वह राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए वह इन सभी दलों से ज्यादा गंभीर है। अपने विजन डॉक्यूमेंट में शिवसेना ने मुंबई सहित पूरे राज्य के विकास का खाका पेश किया है। इस खाके में भिन्न-भिन्न क्षेद्दों को उनकी विशिष्टता के अनुसार अवसर उपलब्ध कराने की बात कही गई है। जैसे, औरंगाबाद को पर्यटन क्षेद्द, नासिक को धार्मिक क्षेद्द , पुणे को शिक्षा क्षेद्द एवं अमरावती को कृषि क्षेद्द का केंद्र बनाने की बात कही गई है। विजन डॉक्यूमेंट में जिलावार विकास का ढांचा भी प्रस्तुत किया गया है।
बता दें कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का नाम उनकी पार्टी की तरफ से मुख्यमंद्दी पद के लिए उछाला जाता रहा है। हालांकि भाजपा के साथ उसके गठबंधन की शर्त में साफ कहा गया है कि दोनों में जिस दल के विधायक ज्यादा होंगे, उसको ही मुखयमंद्दी पद प्राप्त होगा। ऐसे में शिवसेना अभी से अपना विजन डॉक्यूमेंट पेश कर भाजपा पर बढ़त लेना चाहती है। इससे भी महलवपूर्ण बात यह है कि उद्धव ठाकरे के लिए सदैव मुसीबत बनते रहे मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे लंबे समय से महाराष्ट्र के विकास का खाका पेश करने की बात करते रहे हैं। खुलकर स्वयं को मुखयमंद्दी पद का दावेदार बता चुके राजइसी माह अपना यह बहुप्रतीक्षित खाका पेश करने की योजना बना रहे हैं। लेकिन उद्धव ने उनसे पहले यह खाका पेश कर बाजी मार ली है। क्योंकि शिवसेना के बाद पेश किया जानेवाला कोई भी खाका अब उसकी नकल ही माना जाएगा।