साइबर ठगी के शिकार लोगों का वापस मिलने लगा पैसा, जानें कैसे मिलने लगी राहत
साइबर ठगी के शिकार लोगों को उनका पैसा वापस मिलने लगा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से शुरू किए गए राष्ट्रीय हेल्पलाइन 155260 की मदद से पिछले तीन महीने में 3.13 करोड़ रुपये ठगी के शिकार लोगों को वापस कराए जा चुके हैं। पढें यह रिपोर्ट...
नीलू रंजन, नई दिल्ली। साइबर ठगी के शिकार लोगों को उनका पैसा वापस मिलने लगा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से शुरू किए गए राष्ट्रीय हेल्पलाइन 155260 की मदद से पिछले तीन महीने में 3.13 करोड़ रुपये ठगी के शिकार लोगों को वापस कराए जा चुके हैं। यह हेल्पलाइन नंबर एक अप्रैल को सात राज्यों में साफ्ट लांच किया गया था और 16 जून को पूरे देश के लिए इसे खोल दिया गया है। अभी तक 15 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में यह हेल्पलाइन काम करने लगा है। अन्य राज्यों में भी इसे लागू करने के लिए बातचीत चल रही है।
काफी कम समय में दिखा नतीजा
हेल्पलाइन नंबर शुरू होने के इतने कम समय में साइबर ठगी के शिकार लोगों को राहत दिलाने में इसकी सफलता की कई कहानियां दर्ज हो गई हैं। जैसे शाहदरा, दिल्ली के वरिष्ठ नागरिक राम प्रकाश चार जून को साइबर ठगी के शिकार हो गए थे। उन्होंने तत्काल हेल्पलाइन नंबर 155260 पर काल किया और चंद दिनों में 3.2 लाख रुपये उनके खाते में वापस आ गए।
ये तो अभी बानगी है
इसी तरह से मध्य प्रदेश की एक महिला को एक यूरोपीय व्यक्ति ने पहले आनलाइन दोस्ती का अनुरोध किया और इसे स्वीकार करने के बाद करोड़ों रुपये का गिफ्ट भेजने का झांसा देकर 59,507 रुपये ठग लिए। महिला की शिकायत के बाद एयरटेल पेमेंट बैंक से उसे पूरे पैसे वापस कराए गए। इसी तरह से राजस्थान के एक व्यक्ति को एयरटेल के लकी ड्रा में मोबाइल नंबर आने का झांसा देकर 47 हजार रुपये ठग लिए गए। हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत के बाद उसके पूरे पैसे वापस कराए गए।
3.13 करोड़ रुपये वापस दिलाए
ये तो चंद उदाहरण भर हैं। एक अप्रैल को साफ्ट लांच के बाद से अब तक हेल्पलाइन की मदद से 3.13 करोड़ रुपये लोगों को वापस कराए जा चुके हैं। गृह मंत्रालय ने इस हेल्पलाइन की कार्यप्रणाली की जानकारी देते हुए कहा कि ठगी की शिकायत मिलने के तत्काल बाद शिकायत नंबर के साथ विस्तृत जानकारी उस बैंक या वालेट के पास भेज दी जाती है, जिस बैंक में ठगी का पैसा गया होता है।
संदिग्ध लेनदेन फ्रीज कर देता है बैंक
बैंक के सिस्टम में यह जानकारी फ्लैश करने लगती है। यदि पैसे संबंधित बैंक या वालेट के पास ही हैं, तो वह उसे तत्काल फ्रीज कर देगा। यदि पैसा किसी और बैंक या वालेट में चला गया हो तो वह उसे संबंधित बैंक या वालेट को भेज देगा। यह प्रक्रिया तब तक चलती रहेगी, जब तक उस पैसे की पहचान कर उसे फ्रीज नहीं कर दिया जाता है।
24 घंटे के भीतर दें जानकारी
दूसरी ओर शिकायतकर्ता को एसएमएस से शिकायत दर्ज किए जाने की सूचना और इसका एक नंबर दिया जाएगा और साथ ही 24 घंटे के भीतर नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर ठगी की विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया जाएगा।
इन राज्यों में किया गया लॉन्च
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एक अप्रैल को दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ में साफ्ट लांच किया गया था। 17 अप्रैल को इसे पूरे देश के लिए खोल दिया गया और उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, दमन दीव और दादर नगर हवेली में भी इसे लांच कर दिया गया है।
स्थानीय पुलिस कर रही संचालन
गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में इसे जल्द-से-जल्द लांच करने की कोशिश की जा रही है। इस हेल्पलाइन की खासियत यह है कि राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर होते हुए सभी राज्यों में स्थानीय पुलिस ही इसका संचालन कर रही है। इससे संबंधित राज्यों में स्थानीय भाषाओं में लोग आसानी से ठगी की शिकायत कर रहे हैं।